16 साल तक, नाम बदला, धर्म बदला, पर कानून के शिकंजे से न बच सका शातिर वारंटी

एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया कि वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत एएसपी जसाराम बोस और सीओ रमेश शर्मा के सुपरविजन में गठित टीम ने इस महत्वपूर्ण सफलता को अंजाम दिया। खेताराम मेघवाल वर्ष 2010 से पहले बाड़मेर और बालोतरा के विभिन्न थानों में दर्ज चोरी और नकबजनी के लगभग 27 मामलों में गिरफ्तार हुआ था और जमानत पर रिहा हो गया था। लेकिन 2010 के बाद वह किसी भी न्यायालय में पेश नहीं हुआ, जिसके चलते विभिन्न न्यायालयों द्वारा जारी 10 से अधिक स्थायी वारंट पेंडिंग थे।
आरोपी सदर बाड़मेर थाने के 5 मामलों में स्थायी वारंटी था और बाड़मेर ग्रामीण थाने का हिस्ट्रीशीटर भी। लंबे समय से फरार चल रहे इस शातिर अपराधी की तलाश में एसएचओ सत्यप्रकाश के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें जुटी हुई थीं। मुखबिरों और तकनीकी मदद के आधार पर 16 साल की लंबी फरारी के बाद आखिरकार पुलिस ने उसे धर दबोचा।
फरारी के दौरान हिस्ट्रीशीटर खेताराम ने अपनी पहचान छुपाने के लिए न केवल अपना नाम बदलकर इकबाल रख लिया था, बल्कि अपना पहनावा और धर्म भी बदल लिया था। वह राणीवाड़ा, भीनमाल, सांचौर, आबूरोड, धानेरा, डीसा, पालनपुर, मेहसाणा, जवाई बांध, सुमेरपुर, शिवगंज, पाली, जोधपुर, लूणी, उर्स दरगाह अजमेर, बालोतरा, समदड़ी, पोकरण और रामदेवरा (जैसलमेर) जैसे स्थानों के रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर घूम-घूमकर भीख मांगकर अपना जीवन यापन कर रहा था।
अंततः, सदर बाड़मेर थाने की एक विशेष टीम ने अथक प्रयासों के बाद पोकरण थाने की सहायता से सरहद पोकरण से इस शातिर अपराधी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की। आरोपी खेताराम सदर बाड़मेर थाने के 5, गुडामालानी, धोरीमन्ना, गिडा (बालोतरा) और बायतु (बालोतरा) के 1-1 मामलों में जारी स्थायी वारंट में वांछित था। पुलिस अब उससे अन्य मामलों के संबंध में भी पूछताछ कर रही है।
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