महर्षि वाल्मीकि के संदेश को आत्मसात् कर समाज की समृद्धि के लिए कार्य करें-काम्बोज

काम्बोज स्थानीय आरकेएसडी कॉलेज के हॉल में अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा महर्षि वाल्मीकि के प्रकट दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि उपस्थितगण को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व राज्य मंत्री ने उपायुक्त धर्मवीर सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष अशोक ढांड व अन्य अतिथियों के साथ महर्षि वाल्मीकि के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्प अर्पित किए। उन्होंने इस संदर्भ में शिक्षण संस्थाओं में आयोजित करवाई गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय विजेताओं को क्रमश:1500 रुपये, 1000 रुपये तथा 500 रुपये के नकद के ईनाम के साथ-साथ प्रशंसा पत्र भी वितरित किए।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारतवर्ष महापुरुषों का देश रहा है तथा अनेक महापुरुषों ने अपने पुरुषार्थ के बल पर देश वासियों का सही मार्ग दर्शन किया है। राज्य मंत्री आज हमें उन्हीं महापुरुषों के दिखाए गए रास्ते का अनुसरण करते हुए देश के नवनिर्माण व समृद्घि के लिए कार्य करना है तथा देश को एक बार फिर विश्व गुरु का दर्जा दिलाना है। हमें देश की प्राचीन समृद्घ संस्कृति को भी सहेजना है तथा नैट के माध्यम से देश की संस्कृति व महापुरुषों के बारे में भ्रामक तथ्य डालने वाले असामाजिक तत्वों की देश की एकता को कमजोर करने की साजिश को हमें नाकाम करना है।
काम्बोज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के महापुरुषों की शिक्षाओं व जीवन दर्शन को घर-घर पहुंचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा महापुरुषों की जयंतियों को सरकरी स्तर पर मनाने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था। उन्होंने कहा कि महापुरुष सम्पूर्ण समाज के कल्याण के लिए कार्य करते हैं तथा वे सभी वर्गों के लिए पूजनीय है। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के अतिरिक्त महर्षि दयानंद, महर्षि विवेकानंद जैसे महापुरुषों द्वारा देश का गौरव बढाने के लिए किए गए कार्यों का उल्लेख भी किया।
उन्होंने कहा कि प्राचीन शिक्षा पद्घति में गुरुकुल में शिष्य गुरु के सानिध्य में रह कर शिक्षा व संस्कार ग्रहण करते थे। सरकार द्वारा प्रदेश में नैतिक मूल्यों से युक्त शिक्षा देने के लिए गीता पढाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि द्वारा रामायण महाकाव्य लिखे गए प्रथम श्लोक का जिक्र करते हुए कहा कि किसी शिकारी ने एक पेड़ पर बैठे सारस के जोड़े को तीर मारकर एक साथी को मार दिया था, जिसका पूरा दृष्य महर्षि वाल्मीकि ने अपनी आंखों से देखा था तथा स्वत: ही उनके मुख्य से उस शिकारी को श्राप देते हुए एक श्लोक निकला था, जिसे रामायण का प्रथम श्लोक माना जाता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं क्रियांवित की जा रही हैं। सरकार द्वारा अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं कर्मकार वर्ग के युवाओ को विभिन्न कोर्सों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अपना कार्य शुरू कर सकें। सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना के तहत लगभग15.50 लाख गरीब परिवारों को शामिल किया है। इनमें मान्यता प्राप्त पत्रकारों व पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को भी शामिल किया गया है,जिनकी संख्या लगभग 4 लाख 66 हजार है। श्रमिकों के कल्याण् के लिए सरकार द्वारा 24 कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनके तहत अभी तक 5.14 श्रमिकों को लगभग 600 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की गई है, जबकि गत कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान मात्र 19 हजार 841 श्रमिकों को मात्र 28.55करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई थी। पंजीकृत श्रमिकों के निर्धारित वेतनमान की सीमा को 10 हजार रुपये से बढाकर 21 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त श्रमिकों को अन्य लाभ दिए जा रहे हैं।
उपायुक्तधर्मवीर सिंह ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि महान संत रहे हैं, जिन्होंने समाज में विभिन्न रिश्तों की मर्यादाओं का संदेश अपने महाकाव्य रामायण के माध्यम से दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सरकारी स्तर पर महापुरुषों की जयंती मनाकर घर-घर उनकी शिक्षाओं को पहुंचाया जा रहा है। रामायण महाकाव्य विश्व की बड़ी रचना है तथा महर्षि वाल्मीकि इस रचना से आदि कवि के रूप में प्रख्यात हुए। उन्होंने राज्य मंत्री श्री कर्ण देव काम्बोज को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
भाजपा के जिलाध्यक्ष अशोक ढांड ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने अपनी शिक्षाओं से समाज को नई दिशा दी है। उन्होंने अपनी रचना के माध्यम से समाज के विभिन्न रिश्तों की मर्यादा को समझाया। आज हर परिवार को इस मर्यादा को आत्मसात् करने एवं महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाओं को अ
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