पोर्ट सूडान: ड्रोन हमले जारी, यूएन प्रमुख ने की शान्ति की अपील

मदद पहुँचाने वाली विमान उड़ानें स्थगितड्रोन हमलों के कारण, 4 मई से पोर्ट सूडान आने-जाने वाली संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता विमान सेवा (UNHAS) की उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं.इस सेवा का संचालन विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) करता है, जिसने कहा है कि हालात सामान्य होते ही उड़ानें फिर शुरू की जाएँगी. अस्थिरता में डूबा सूडानसूडान के कस्साला और रिवर नाइल प्रदेशों जैसे कई क्षेत्रों में भी ड्रोन हमले हुए हैं. कस्साला में हवाईअड्डे के पास हुए हमलों से क़रीब 2,900 लोग विस्थापित हुए और कुछ राहत कार्य अस्थाई रूप से रोकने पड़े.संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेश ने कहा कि जनवरी से जरूरी ढाँचे पर हमलों ने लोगों को भोजन, साफ़ पानी, स्वास्थ्य सेवाएँ और बिजली से वंचित कर दिया है.उन्होंने सभी पक्षों से अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानूऩ का पालन करने की अपील की. महासचिव गुटेरेश ने कहा, नागरिकों और नागरिक ठिकानों पर हमले नहीं करें, नुक़सान को कम करने की हर सम्भव कोशिश करें, और ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने में बाधा नहीं डालें.सूडान में यह युद्ध साल 2019 में 30 साल पुराने शासक ओमर अल-बशीर के सत्ता से हटने के बाद असफल लोकतांत्रिक हस्तांतरण से उपजा.गुटेरेश ने युद्धरत पक्षों की बातचीत में इच्छाशक्ति की कमी को लेकर निराशा जताई और ज़ोर देकर कहा, “शान्ति का रास्ता केवल संवाद से ही निकल सकता है, यही सूडान की जनता की मांग है.”भूख का संकटसूडान में जारी हिंसा से अब तक 18 हज़ार 800 से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं और हज़ारों लोग घायल हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के मुताबिक़, सूडान दुनिया का सबसे बड़ा भूख संकट झेल रहा है.आज, सूडान की आधी से अधिक आबादी, 3 करोड़ 04 लाख लोगों को मानवीय मदद की ज़रूरत है, जिनमें 1 करोड़ 50 लाख बच्चे हैं. लोगों को भोजन, पानी, आश्रय, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएँ नहीं मिल पा रही हैं.WFP की प्रवक्ता लेनी किंज़ली ने कहा, ढाई करोड़ लोग भयंकर भूख से जूझ रहे हैं और लगभग 1 करोड़ 30 लाख लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं. केवल उत्तरी दारफ़ूर से ही साढ़े 4 लाख लोग हिंसा के कारण पलायन कर चुके हैं.संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां हिंसाग्रस्त इलाक़ों में मदद पहुँचाने की कोशिश कर रही हैं. अल-फ़शर और ज़मज़म शिविर से मजबूर होकर भागे लगभग साढ़े 3 लाख लोगों को आपातकालीन राहत दी गई है. भुखमरी के कगार पर पहुँचे इलाक़ों में राहत जारी है, लेकिन इस साल संयुक्त राष्ट्र को, 2 करोड़ 10 लाख लोगों की मदद के लिए को 4 अरब 20 करोड़ डॉलर की रक़म की ज़रूरत है, जबकि अभी तक इसमें से केवल 7 प्रतिशत राशि ही अब तक मिली है. अगले छह महीनों के लिए WFP को 70. करोड़ डॉलर धन की तत्काल ज़रूरत है. Advertisement
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