सूडान: अल-फ़शर में आम लोगों की बेहतर सुरक्षा पुख़्ता किए जाने की अपील

वोल्कर टर्क ने बताया कि तीन दिन पहले RSF ने उत्तर दारफू़र की राजधानी अल-फ़शर और उसके पास स्थित अबू शोउक शिविर पर कई दिशाओं से संगठित हमला किया, जिसमें क़रीब 40 आम लोग मारे गए.हिंसा की आशंका बढ़ीउन्होंने बताया कि केवल पिछले तीन सप्ताहों में इस क्षेत्र में लगभग 542 नागरिकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, हालाँकि असली संख्या इससे कहीं ज़्यादा हो सकती है.उन्होंने कहा, “मेरी चिन्ता इसलिए और भी बढ़ गई है क्योंकि RSF ने SAF और उनसे जुड़े सशस्त्र समूहों के साथ सम्भावित लड़ाइयों के बीच, ‘ख़ूनख़राबे’ की चेतावनी दी है.”उन्होंने कहा, “अल-फ़शर और उसके आसपास बेहद गम्भीर हालात में फँसे नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर सम्भव प्रयास किया जाना चाहिए.”युद्ध बन्द होना चाहिएउन्होंने आगे कहा कि ख़ारतूम प्रान्त में न्यायिक प्रक्रिया का पालन किए बिना की गई हत्याओं की ख़बरें भी बेहद चिन्ताजनक हैं. मानवाधिकार उच्चायुक्त ने बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से RSF और SAF दोनों के नेताओं को इस युद्ध के विनाशकारी मानवाधिकार प्रभावों के बारे में चेतावनी दी है.उन्होंने कहा, “ये दिल दहला देने वाले परिणाम लाखों सूडानी लोगों की दैनिक सच्चाई बन चुके हैं. इस युद्ध को अब समाप्त होना होगा, बहुत समय बीत चुका है.”कूटनैतिक प्रयास जारीइस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सूडान मामलों के व्यक्तिगत दूत रम्ताने लमामरा इस सप्ताह मिस्र की राजधानी काहिरा में थे, जहाँ उन्होंने सूडान संकट पर चर्चा के लिए, मिस्र के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाक़ात की, जिनमें विदेश मंत्री बद्र अब्देलाती भी शामिल हैं.उधर संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में बताया, “सभी का यह साझा मत था कि सूडान में शान्ति बहाल करने के लिए एक समावेशी, सूडानी नेतृत्व वाली राजनैतिक प्रक्रिया की आवश्यकता है, जो देश की एकता, सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखे.”दूत लामामरा ने अरब लीग के महासचिव अहमद अबूल ग़ैत से भी मुलाकात की और सूडान में स्थायी शान्ति स्थापित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र, अरब लीग और सम्बन्धित बहुपक्षीय संगठनों के बीच समन्वित प्रयासों पर विचार-विमर्श किया. Advertisement
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