मलेरिया को ख़त्म करने के लिए, और अधिक कार्रवाई की ज़रूरत

अफ़्रीका वैश्विक मलेरिया के बोझ का, अनुपात से कहीं अधिक बोझ वहन करता रहा है.वर्ष 2023 में मलेरिया के लगभग 94 प्रतिशत मामले और इस बीमारी से हुई मौतों में से लगभग, 95 प्रतिशत मौतें अफ़्रीका क्षेत्र में हुईं.सबसे अधिक 76 प्रतिशत मौतें, पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में हुईं.उन्मूलन पर है नज़रWHO ने याद दिलाया है कि 1990 के दशक के अन्त में, विश्व नेताओं ने प्रभावी नीतियाँ अपनाईं, जिनकी बदौलत वर्ष 2000 से 2 अरब से अधिक मामलों और लगभग 1 करोड़ 30 लाख मौतों को रोका जा सका.परिणामस्वरूप, 45 देशों और एक क्षेत्र को मलेरिया-मुक्त प्रमाणित किया गया है, और कई अन्य देश उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.दुनिया भर के 83 देशों में, मलेरिया अब भी एक स्थानीय बीमारी बनी हुई है, उनमें से 25 देशों ने वर्ष 2023 में, मलेरिया के 10 से कम मामलों की सूचना दी.WHO के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेब्रेयेसस ने अलबत्ता कहा है कि इतिहास ने दिखाया है कि ये लाभ भंगुर साबित हो सकते हैं क्योंकि "जब हम अपना ध्यान हटाते हैं, तो बीमारी फिर से उभरती है, और सबसे कमज़ोर लोगों पर सबसे ज़्यादा असर डालती है."उन्होंने कहा कि मगर इतिहास यह भी बताता है कि क्या सम्भव है.डॉक्टर टैड्रॉस ने ज़ोर देकर कहा कि "मज़बूत राजनैतिक प्रतिबद्धता, निरन्तर निवेश, बहुक्षेत्रीय कार्रवाई और सामुदायिक जुड़ाव के सहारे, मलेरिया को ख़त्म किया जा सकता है."संसाधन निवेश ज़रूरीWHO ने कहा है कि मलेरिया की रोकथाम के नए टीकों के और उनके उपयोग में वर्षों के समय का निवेश किए जाने के साथ-साथ, बीमारी को रोकने और नियंत्रित करने के उपकरण भी फलदाई साबित हो रहे हैं.विश्व मलेरिया दिवस पर, माली व 19 अन्य अफ़्रीकी देश, मलेरिया के टीके शुरू करने जा रहे हैं. यह अभियान को इस महाद्वीप पर सबसे घातक बीमारियों में से एक मलेरिया से, छोटे बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम है.यह आशाद की जा रही है कि अफ़्रीका में मलेरिया के टीके बड़े पैमाने पर लगाए जाने से, हर साल दसियों हज़ार युवा लोगों की जान बचाई जा सकेगी.इस बीच, कीटनाशक से उपचारित मच्छरदानी की नई पीढ़ी का व्यापक उपयोग करने से, मलेरिया के ख़िलाफ़ और अधिक प्रगति होने की सम्भावना है.
© WHO/Isaac Rudakubana
अभी तक की प्रगति ख़तरे मेंइस सब प्रगति व महत्वपूर्ण लाभ हासिल होने के बावजूद, मलेरिया एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है.केवल वर्ष 2023 में, मलेरिया से लगभग छह लाख लोगों की मौतें हुईं, जिनमें अफ़्रीकी क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ.WHO का कहनाह कि कई क्षेत्रों में, कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों और दवा व कीटनाशक प्रतिरोध जैसे बढ़ते ख़तरों के कारण प्रगति बाधित हुई है.जोखिम वाले कई समूह मलेरिया की रोकथाम, इस बीमारी का पता लगाने और उपचार के लिए आवश्यक सेवाओं से वंचित रह जाते हैं.जलवायु परिवर्तन, टकराव व युद्ध, निर्धनता और विस्थापन के कारण ये चुनौतियाँ और भी जटिल हो गई हैं, जबकि इस वर्ष धन में कटौती से, मलेरिया से प्रभावित कई देशों में प्रगति, पटरी से और भी अधिक उतर सकती है, जिससे लाखों अतिरिक्त लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है.निवेश व नए प्रयासों की नई पुकारविश्व मलेरिया दिवस 2025, मलेरिया हमारे साथ समाप्त होता है के नारे के साथ आयोजित किया जा रहा है जिसमें संसाधनों का फिर से निवेश किए जाने की पुकार लगाई गई है.WHO साथ ही, अब तक कड़ी मेहनत से अर्जित लाभों की रक्षा के लिए, राजनैतिक और वित्तीय प्रतिबद्धता बढ़ाने का आहवान भी किया है.WHO ने, पुनर्निवेश के लिए, भागीदारों और नागरिक समाज के साथ मिलकर, मलेरिया बीमारी वाले देशों से अपने यहाँ इसकी रोकथाम के लिए धन ख़र्च बढ़ाने का आहवान किया है, विशेष रूप से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा में.यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) ने, सभी स्तरों पर मलेरिया फैलाव को समाप्त करने में मदद करने के लिए, प्रतिबद्धता को फिर से मज़बूत करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया है.इसमें समुदायों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से लेकर सरकारों, शोधकर्ताओं, निजी क्षेत्र के नवोन्मेषकों और दाताओं तक, सभी शामिल हैं. Advertisement
Advertisement
प्रमुख खबरें
Advertisement
Traffic
Features
