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नगर परिषद जींद के दो अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर दंड और मुआवजा भुगतान के निर्देश

इस लापरवाही को गंभीर मानते हुए आयोग ने अधिनियम की धारा 17(1)(ह) के अंतर्गत दोनों अधिकारियों को दोषी ठहराया है। आयोग ने प्रत्येक पर एक हजार रुपये का प्रतीकात्मक दंड लगाया है और साथ ही शिकायतकर्ता को 2500-2500 रुपये कुल 5 हजार रुपये का मुआवजा भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने एसजीआरए-कम-डीएमसी, जींद को निर्देशित किया है कि अक्टूबर 2025 के वेतन से 3500-3500 रुपये की कटौती कर नवम्बर 2025 में भुगतान किया जाए और इसकी रिपोर्ट 10 नवम्बर 2025 तक आयोग को भेजी जाए। दंड की राशि को राज्य कोष में जमा करने के आदेश भी दिए गए हैं।
आयोग ने साथ ही यह भी पाया कि प्रथम अपील (एफजीआरए) के निस्तारण में भी त्रुटि रही है, क्योंकि अपील संबंधित अधिकारी तक नहीं पहुँची। इस संबंध में जीएम (आईटी), शहरी स्थानीय निकाय विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी सेवाएं और अपीलें सही अधिकारियों (डीओ, एफजीआरए, एसजीआरए) से उचित रूप से मैप हों।
अंत में, आयोग ने एसजीआरए-कम-डीएमसी, जींद को भी चेताया है कि उन्होंने न तो 04.07.2023 के निर्देशों का पालन किया और न ही आवेदक को अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत सुनवाई का अवसर प्रदान किया। हालांकि, उनकी बिना शर्त माफी और यह प्रथम त्रुटि होने के कारण आयोग ने भविष्य के लिए उन्हें चेतावनी और सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकरण में शामिल सभी अधिकारियों के नाम आयोग के डेटाबेस में दर्ज कर लिए गए हैं। भविष्य में किसी प्रकार की पुनरावृत्ति या लापरवाही पाए जाने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।
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