Rajasthan first state to recognize electropathy treatment system-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
May 26, 2025 7:20 am
Location

इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता देने में राजस्थान प्रथम राज्य

khaskhabar.com: शनिवार, 13 जनवरी 2024 4:17 PM (IST)
इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता देने में राजस्थान प्रथम राज्य
लेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद का राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय सेमिनार


जयपुर, ।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की गरिमामयी उपस्थिति में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में शनिवार को इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद का 13वां राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित हुआ। विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस पर ‘रिनल डिस्ऑर्डर्स एंड इलेक्ट्रोपैथी एप्रोच‘ विषयक सेमिनार में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दुनिया को पद्धति देने वाले काउंट सीजर मैटी को नमन किया।


शर्मा ने कहा कि जनसेवा का श्रेष्ठ मार्ग चिकित्सा है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रो-होम्योपैथी हर्बल चिकित्सा में औषधीय पौधों के रसों के जरिए उपचार किया जाता है। यह प्रभावी चिकित्सा पद्धति के रूप में उभर रही है। इलेक्ट्रोपैथी औषधियां विभिन्न रोगों के इलाज में प्रभावी साबित हुई हैं। श्री शर्मा ने कहा कि काउंट सीजर मैटी मानते थे कि हमारा भोजन पेड़-पौधे ही हैं तो उपचार भी औषधीय पेड़-पौधों के जरिए खोजना चाहिए। राजस्थान में भी रोगियों का उपचार इस पद्धति से हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता देने वाला देश में प्रथम राज्य है। सबसे पहले राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति विधेयक, 2018 पारित किया। इस पद्धति को आगे बढ़ाने और रोगियों को उपचार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में विशेषज्ञों की राय लेगी। इस पद्धति से जुड़े चिकित्सकों और संस्थाओं को पूरा सहयोग मिलेगा।


शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए एम्स खोलने के साथ ही आयुष मंत्रालय से नई आयुष पद्धतियों का निरंतर विकास हो रहा है। उनके द्वारा योग और स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से मानवता को निरोग और स्वस्थ रहने का संदेश दिया गया है। शर्मा ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों से यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज हासिल करने में मदद मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए सामूहिक प्रयत्न करने होंगे। उन्होंने कहा कि ‘‘विकसित भारत संकल्प यात्रा‘‘ के तहत स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। राज्य में शिविरों के दौरान 83 लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है। शिविरों में 33 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड के लिए केवाईसी करने के साथ 77 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प मूलभूत चिकित्सा सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाना है। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में प्रत्येक नागरिक का स्वास्थ्य बीमा सुनिश्चित करना ही हमारा प्रमुख लक्ष्य है।

सेमिनार में उपमुख्यमंत्री व आयुर्वेद मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि इस पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार आवश्यक निर्णय लेगी। इस अवसर पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद की पुस्तिका का विमोचन और प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया। इ

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement