राजस्थान कांग्रेस में जल्द होगा बड़ा संगठनात्मक बदलाव, निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी तय

डोटासरा ने कहा कि जो पदाधिकारी बिना कारण लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहेंगे, उन्हें पदमुक्त कर सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा। वहीं, प्रदेश में प्रशासनिक तौर पर गठित आठ नए जिलों और अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों में नई जिला कांग्रेस इकाइयों के गठन का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर AICC को अनुमोदन के लिए भेजा गया।
कमजोर सीटों पर प्रशिक्षण, बूथ स्तर पर नए चेहरेः
बैठक में फैसला लिया गया कि उन विधानसभा क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे, जहां कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है। डोटासरा ने बताया कि 200 समन्वयकों की नियुक्ति की जा चुकी है, जो ब्लॉक और मंडल स्तरीय बैठकों की निगरानी करेंगे और अनुपस्थित पदाधिकारियों की रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देंगे। साथ ही, एक महीने के भीतर सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त किए जाएंगे।
रंधावा की दो-टूक–पदाधिकारी परिणाम दें या हटेंः
बैठक में राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि संगठन में निष्क्रियता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, "जो काम नहीं करेगा, उसे पद पर रहने का हक नहीं है। कांग्रेस के सभी बड़े नेता अब ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की बैठकों में हिस्सा लेंगे और मैं खुद भी बिना बताए निरीक्षण करूंगा।"
बैठक में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, AICC महासचिव सचिन पायलट, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी, एआईसीसी सचिव एवं सह प्रभारी ऋत्विक मकवाना और चिरंजीव राव ने भी संबोधित किया। संगठन को नए सिरे से मजबूती देने के इस रोडमैप से राजस्थान कांग्रेस में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। - खासखबर नेटवर्क
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