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रायबरेली जल्द हो सकता है कांग्रेस मुक्त

रायबरेली । कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र रायबरेली जल्द ही कांग्रेस-मुक्त हो सकता है, क्योंकि यहां से उनके दो विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए तैयार हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा की कुल 403 सीटों में से कांग्रेस के पास सात विधायक हैं, जिसमें से दो विधायक रायबरेली से हैं।
सूत्रों के अनुसार, दोनों विधायक निष्कासित होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनकी सदस्यता रद्द न की जा सके। कांग्रेस विधायक फिलहाल इस्तीफा देकर अपनी-अपनी सीटों से दोबारा चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक नहीं दिख रहे हैं।
रायबरेली से कांग्रेस के दो विधायकों में अदिति सिंह और राकेश सिंह हैं।
अदिति सिंह ने बुधवार को पार्टी लाइन से हटकर विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लिया, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की सराहना की।
दरअसल योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया था।
अदिति सिंह ने बुधवार को न केवल विधानसभा सत्र में भाग लिया, बल्कि उन्होंने उसी दिन लखनऊ में प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में आयोजित पदयात्रा से भी दूर रहने का फैसला किया।
बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "जो मैंने किया, मैं समझती हूं कि वह सही था और पार्टी जो भी तय करेगी वह मुझे स्वीकार है।"
राकेश सिंह कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दिनेश सिंह के छोटे भाई हैं।
राकेश सिंह ने पहले ही पार्टी के कार्यों और बैठकों में भाग लेना बंद कर दिया है और उनका झुकाव भाजपा की ओर है।
इस बीच, कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि अदिति सिंह और राकेश सिंह के बारे में फैसला सोनिया गांधी द्वारा लिया जाएगा, क्योंकि यह मामला उनके संसदीय क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है।
कांग्रेस ने गुरुवार को पूर्व सांसद रमाकांत यादव को निष्कासित कर दिया, जो रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। (आईएएनएस)
सूत्रों के अनुसार, दोनों विधायक निष्कासित होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उनकी सदस्यता रद्द न की जा सके। कांग्रेस विधायक फिलहाल इस्तीफा देकर अपनी-अपनी सीटों से दोबारा चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक नहीं दिख रहे हैं।
रायबरेली से कांग्रेस के दो विधायकों में अदिति सिंह और राकेश सिंह हैं।
अदिति सिंह ने बुधवार को पार्टी लाइन से हटकर विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लिया, जहां उन्होंने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की सराहना की।
दरअसल योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा सत्र का बहिष्कार करने का फैसला किया था।
अदिति सिंह ने बुधवार को न केवल विधानसभा सत्र में भाग लिया, बल्कि उन्होंने उसी दिन लखनऊ में प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में आयोजित पदयात्रा से भी दूर रहने का फैसला किया।
बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "जो मैंने किया, मैं समझती हूं कि वह सही था और पार्टी जो भी तय करेगी वह मुझे स्वीकार है।"
राकेश सिंह कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दिनेश सिंह के छोटे भाई हैं।
राकेश सिंह ने पहले ही पार्टी के कार्यों और बैठकों में भाग लेना बंद कर दिया है और उनका झुकाव भाजपा की ओर है।
इस बीच, कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि अदिति सिंह और राकेश सिंह के बारे में फैसला सोनिया गांधी द्वारा लिया जाएगा, क्योंकि यह मामला उनके संसदीय क्षेत्र के लिए चिंता का विषय है।
कांग्रेस ने गुरुवार को पूर्व सांसद रमाकांत यादव को निष्कासित कर दिया, जो रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। (आईएएनएस)
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