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ऊंचाहार के ऑप्टा कांड पर शुरू हुई जातिवाद की राजनीति
रायबरेली। ऊचांहार के आप्टा गांव में मारे गये पांच ब्राह्मणों के हत्या को लेकर रविवार को रायबरेली के डिग्री कालेज के शहीद चौक पर प्रबुद्य समाज और ब्राहमण समाज
के हजारों नागरिकों ने अपना दुखः प्रकट किया है। साथ ही योगी सरकार से मृतक
परिवारों के लिये मुआवजे को बढाने एवं मृतक परिवार के प्रत्येक परिवार को
सरकारी नौकरी की मांग की गई है।
रायबरेली के ऊचांहार के आप्टा गांव में 26 जून को हुई पांच ब्राहमणों की हत्या को लेकर जिले में राजनीति गरमाने लगी है। जहां आरोपी के परिवार के साथ यादव समाज एवं पिछड़ा समाज भी इनके साथ खड़ा दिखाई पड़ रहा है। दूसरी तरफ ब्राहमण समाज के साथ जिले का प्रबुद्य समाज भी खड़ा दिखाई पड़ रहा है। इसको लेकर समाज में और आम जनता में क्या प्रभाव पडेगा शायद यह अभी हाल में दिखाई पड़ने लगा है। जिले के आम लोग यह समझ ही नहीं पा रहे है कि हम किसके साथ खड़े हो और किसके साथ न खड़े हो। क्योंकि राजनीति ने इस हत्याकांड को एक अखाड़े का रुप देता जा रहा है। और इसमें केवल आम लोगों का नुकसान होगा और राजनीतिक नेताओं को अपने वोट का फायदा होने की सम्भावना दिखाई दे रही है। लेकिन शायद राजनीतिक लोगों को ये नहीं पता होना चाहिये कि इसमें जिन लोगों की मृत्यु हुई है वह भी किसी के बच्चे होगें और जो इस मामले में आरोपी बनाये गये है वह भी किसी के पुत्र होगें। लेकिन ये मामला की पुलिस जांच कर रही है। और जो भी इस मामले में दोषी पाया जायेगा। उसे न्यायालय सजा देगी लेकिन जब तक पुलिस इसकी पूरी जांच नहीं कर लेती, तब तक हम लोग किसी को कैसे दोषी ठहरा सकते है। लेकिन राजनीतिक लोग इसमें अपनी रोटियां सेंकने में लग गये हैं।
आज पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. मनोज पाण्डेय के छोटे भाई डा0 अमिताभ पाण्डेय से पूछा गया कि इस मामले में आपके बडे भाई डा0 मनोज पाण्डेय का नाम लिया जा रहा है तो उनके भाई ने कहा कि अगर कोई मेरे बड़े भाई का नाम ले रहा है तो यह पूरी तरह से निराधार और गलत बयान है जबकि मेरे भाई साहब ने शुरु से ही इस मामले को सरकार के सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं। और हम लोग चाहते है इस मामले को किसी भी जांच एन्जेसी से करा लें जो भी दोषी होगा वह पकड़ा जाएगा। साथ ही दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। हम लोग जांच कराने में जांच एंजेन्सियों की पूरी मदद भी करेगें। और उन्होंने कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति कर रहे हैं यह पूरी तरह से गलत और जनता के साथ धोखा कर रहे हैं।
रायबरेली के ऊचांहार के आप्टा गांव में 26 जून को हुई पांच ब्राहमणों की हत्या को लेकर जिले में राजनीति गरमाने लगी है। जहां आरोपी के परिवार के साथ यादव समाज एवं पिछड़ा समाज भी इनके साथ खड़ा दिखाई पड़ रहा है। दूसरी तरफ ब्राहमण समाज के साथ जिले का प्रबुद्य समाज भी खड़ा दिखाई पड़ रहा है। इसको लेकर समाज में और आम जनता में क्या प्रभाव पडेगा शायद यह अभी हाल में दिखाई पड़ने लगा है। जिले के आम लोग यह समझ ही नहीं पा रहे है कि हम किसके साथ खड़े हो और किसके साथ न खड़े हो। क्योंकि राजनीति ने इस हत्याकांड को एक अखाड़े का रुप देता जा रहा है। और इसमें केवल आम लोगों का नुकसान होगा और राजनीतिक नेताओं को अपने वोट का फायदा होने की सम्भावना दिखाई दे रही है। लेकिन शायद राजनीतिक लोगों को ये नहीं पता होना चाहिये कि इसमें जिन लोगों की मृत्यु हुई है वह भी किसी के बच्चे होगें और जो इस मामले में आरोपी बनाये गये है वह भी किसी के पुत्र होगें। लेकिन ये मामला की पुलिस जांच कर रही है। और जो भी इस मामले में दोषी पाया जायेगा। उसे न्यायालय सजा देगी लेकिन जब तक पुलिस इसकी पूरी जांच नहीं कर लेती, तब तक हम लोग किसी को कैसे दोषी ठहरा सकते है। लेकिन राजनीतिक लोग इसमें अपनी रोटियां सेंकने में लग गये हैं।
आज पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. मनोज पाण्डेय के छोटे भाई डा0 अमिताभ पाण्डेय से पूछा गया कि इस मामले में आपके बडे भाई डा0 मनोज पाण्डेय का नाम लिया जा रहा है तो उनके भाई ने कहा कि अगर कोई मेरे बड़े भाई का नाम ले रहा है तो यह पूरी तरह से निराधार और गलत बयान है जबकि मेरे भाई साहब ने शुरु से ही इस मामले को सरकार के सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं। और हम लोग चाहते है इस मामले को किसी भी जांच एन्जेसी से करा लें जो भी दोषी होगा वह पकड़ा जाएगा। साथ ही दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। हम लोग जांच कराने में जांच एंजेन्सियों की पूरी मदद भी करेगें। और उन्होंने कहा कि कुछ लोग जाति की राजनीति कर रहे हैं यह पूरी तरह से गलत और जनता के साथ धोखा कर रहे हैं।
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