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हरियाणा में सहायक जिला अटॉर्नी और उप जिला अटॉर्नी के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण नीति शुरू

khaskhabar.com: बुधवार, 04 जून 2025 4:01 PM (IST)
हरियाणा में सहायक जिला अटॉर्नी और उप जिला अटॉर्नी के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण नीति शुरू
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने आज सहायक जिला अटॉर्नी (एडीए) और उप जिला अटॉर्नी (डीडीए) कैडर के कर्मचारियों के लिए एक नई ऑनलाइन स्थानांतरण नीति शुरू की है। इस महत्वपूर्ण पहल का औपचारिक उद्घाटन हरियाणा की गृह, जेल, आपराधिक जांच और न्याय प्रशासन की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह ऑनलाइन प्रणाली निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से इन रिक्तियों को व्यवस्थित रूप से भरने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो प्रशासनिक दक्षता में सुधार लाएगी।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि इस ऑनलाइन स्थानांतरण नीति में विशेष रूप से सहायक जिला अटॉर्नी (एडीए) और उप जिला अटॉर्नी (डीडीए) कैडर के कर्मचारियों को शामिल किया गया है। उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कुल 185 एडीए कर्मचारी हैं, जिनमें से 117 को "डीम्ड" स्थानांतरण (यानी कार्यकाल या नीति मानदंडों के आधार पर स्वतः स्थानांतरण योग्य) के लिए चिह्नित किया गया है, जबकि 68 ने स्वैच्छिक स्थानांतरण का विकल्प चुना है।
इसी प्रकार, डीडीए कैडर के लिए कुल 31 कर्मचारी हैं, जिनमें से 15 "डीम्ड" स्थानांतरण के लिए और 16 स्वैच्छिक आवेदक हैं। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से इस नीति की सफलता पर भी प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि डीडीए कैडर के 84% कर्मचारियों और एडीए कैडर के 76% कर्मचारियों को उनके द्वारा चुने गए पहले पांच पसंदीदा स्टेशनों में से ही उनका वांछित स्टेशन मिल गया है। यह दर्शाता है कि नई नीति कर्मचारियों की प्राथमिकताओं को प्रभावी ढंग से समायोजित करने में सक्षम है।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि ऑनलाइन स्थानांतरण नीति की यह पहल सुशासन और कर्मचारी-केंद्रित प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने जोर दिया कि यह मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के प्रशासनिक आधुनिकीकरण के व्यापक उद्देश्य को प्रदर्शित करता है, जिसका लक्ष्य सरकारी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी, कुशल और जवाबदेह बनाना है।
डॉ. मिश्रा ने आगे कहा कि यह डिजिटल प्लेटफॉर्म कर्मचारियों और विभाग दोनों को कई लाभ प्रदान करेगा। यह मैनुअल हस्तक्षेप को समाप्त करता है, जिससे मानवीय पक्षपात की संभावना कम हो जाती है। यह प्रशासनिक आवश्यकताओं और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं दोनों को ध्यान में रखते हुए पूर्वनिर्धारित मानदंडों के आधार पर समय पर स्थानांतरण सुनिश्चित करता है।
कर्मचारी अब पोर्टल के माध्यम से स्वैच्छिक रूप से स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं, और जिन लोगों को डीम्ड ट्रांसफर के लिए चिह्नित किया गया है, उन्हें निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से फिर से नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पोर्टल उपलब्ध रिक्तियों का वास्तविक समय भी दिखाएगा, जो मांग को आपूर्ति के साथ बेहतर ढंग से संरेखित करने में सहायक होगा।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि हरियाणा नॉलेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचकेसीएल) द्वारा विकसित इस पोर्टल ने योग्यता और वरीयताओं के अनुसार पात्र कर्मचारियों के स्थानांतरण आदेश तैयार किए हैं। इस पहल से स्थानांतरण प्रक्रिया में होने वाली देरी, शिकायतों और मनमाने फैसलों में काफी कमी आने की उम्मीद है, जिससे अंततः अधिक प्रेरित और कुशल कार्यबल को बढ़ावा मिलेगा, जो राज्य के न्याय प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाएगा। इस अवसर पर अभियोजन विभाग के अतिरिक्त निदेशक मदन लाल शर्मा, नोडल ऑफिसर (आईटी सेल) गुरप्रीत सिंह और सहायक श्री संदीप के अलावा अन्य अधिकारी/कर्मचारी भी उपस्थित थे।

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