Murder conspiracy, three months of absconding and finally arrest: 4 accused caught in Laluram Gameti murder case, 6 still absconding-m.khaskhabar.com
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Jul 5, 2025 3:56 am
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हत्या की साजिश, तीन महीने की फरारी और अंततः गिरफ्तारी: लालूराम गमेती मर्डर केस में 4 आरोपी पकड़े गए, 6 अब भी फरार

khaskhabar.com: मंगलवार, 03 जून 2025 11:51 AM (IST)
हत्या की साजिश, तीन महीने की फरारी और अंततः गिरफ्तारी: लालूराम गमेती मर्डर केस में 4 आरोपी पकड़े गए, 6 अब भी फरार
गोगुंदा, उदयपुर। एक दिल दहला देने वाली वारदात के तीन महीने बाद आखिरकार चार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं। यह हत्या मामूली आपसी रंजिश नहीं थी, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी गई क्रूर साजिश थी, जिसमें 13 युवकों ने मिलकर एक व्यक्ति को सरेराह पीटा, उसके हाथ-पैर तोड़े और पुलिया से नीचे फेंक कर उसकी जान ले ली।

मामला क्या है?
यह घटना 2 मार्च 2025 की है। लालूराम गमेती और लक्ष्मण गमेती बाइक पर सवार होकर गोगुंदा से पड़ावली कलां की ओर जा रहे थे। जैसे ही वे एक नाले के पास पहुंचे, वहां पहले से घात लगाए बैठे 13 युवकों ने उनकी बाइक रोक ली। पुलिस के अनुसार, इन युवकों ने कोई मौका दिए बिना दोनों पर हमला कर दिया। मारपीट इतनी बेरहमी से की गई कि लालूराम के दोनों हाथ-पैर तोड़ दिए गए। इसके बाद उसे पुलिया से नीचे फेंका गया, जहाँ वह पत्थरों पर गिरा और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने बताया— पहले से था टारगेट
गोगुंदा थाना अधिकारी श्याम सिंह चारण ने बताया कि यह हमला अचानक नहीं था, बल्कि साजिश के तहत किया गया। “आरोपियों ने रास्ता रोककर जानलेवा हमला किया। इनकी मंशा सिर्फ डराने की नहीं, बल्कि हत्या करने की थी,” उन्होंने कहा।
जांच और पकड़ने की चुनौती
परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर 13 नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। शुरुआत में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी समेत अन्य फरार हो गए। इनकी तलाश में गोगुंदा पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
श्याम सिंह चारण ने बताया कि “हमने 100 से अधिक स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपी हर बार समय रहते भाग निकलते। वे मज़दूर बनकर विभिन्न जिलों में छुपते रहे, भट्टों पर काम करते और कुछ ही समय बाद जगह बदल देते।”
आखिरकार मावली में गिरफ्तारी
तीन महीने की कड़ी मेहनत और खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस टीम मावली क्षेत्र के एक ईंट भट्टे तक पहुँची। यहां चार आरोपी—पन्नालाल पिता मूंगला गमेती, धर्माराम पिता पन्नालाल गमेती, पप्पूलाल पिता मोतीलाल गमेती, प्रकाश पिता सोहन गमेती को गिरफ्तार किया गया। सभी गोगुंदा के निवासी हैं और हत्या के बाद फरार चल रहे थे।
कैसे बचते रहे इतने समय तक?
पुलिस के अनुसार, इन आरोपियों ने मजदूरी का सहारा लेकर पहचान छुपाई। कोई भी मोबाइल फोन या व्यक्तिगत दस्तावेज़ साथ नहीं रखते थे। ये सभी ईंट भट्टों, निर्माण स्थलों और दूर-दराज़ के इलाकों में अल्प समय के लिए काम करते और फिर अचानक गायब हो जाते। “इनकी रणनीति यही थी कि किसी भी एक स्थान पर ज़्यादा समय न रुकें, जिससे पकड़ में न आएं,” एक अधिकारी ने बताया।
अब भी 6 आरोपी फरार
इस हत्याकांड में शामिल 13 नामजद आरोपियों में से अब तक कुल 7 की गिरफ्तारी हो चुकी है। शेष 6 अभी भी फरार हैं। पुलिस की टीमें उन पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
परिजनों को अभी भी न्याय का इंतजार
लालूराम गमेती के परिजन अब भी इस दर्दनाक हादसे से उबर नहीं पाए हैं। उनका कहना है कि “जो कुछ हुआ, वह इंसानियत को शर्मसार करने वाला था। हम चाहते हैं कि सभी आरोपी जल्द पकड़े जाएं और सख्त सजा मिले।”
कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है
गिरफ्तार चारों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इनसे बाकी आरोपियों की लोकेशन और साजिश की पूरी पृष्ठभूमि का खुलासा हो सकेगा। पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस होकर दंगा करना) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया है।
एक केस, कई परतें
इस पूरे घटनाक्रम में सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि इसके पीछे की सामाजिक और आपराधिक संरचना भी चिंता का विषय है। पुलिस सूत्रों का मानना है कि इस घटना के पीछे पुरानी रंजिश, भूमि विवाद या सामाजिक वर्चस्व की लड़ाई हो सकती है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या किसी स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति ने इन आरोपियों को संरक्षण दिया।

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