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कोटाः 5 माह से गुमशुदा 5 हजार की ईनामी नाबालिग बालिका को बारां से किया रेस्क्यु
सिटी एसपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि 17 जून को डाबी निवासी परिवादी ने थाना उद्योगनगर पर रिपोर्ट दी थी कि उसकी नाबालिग चचेरी बहन प्रेमनगर द्वितीय स्थित किराए के मकान में रहती थी। दिनांक 10 जून को कही चली गई। उसके माता पिता व अन्य कोई नही होने के कारण संरक्षक हम ही है। इस पर प्रकरण दर्ज कर नाबालिग की तलाश प्रारम्भ की गई।
बालिका की तलाश के लिये पुलिस ने आस पास के सीसीटीवी फुटेज चैक किये। कॉल डिटेल, सोशल मीडिया रिकॉर्ड एवं तकनीकी साक्ष्यो का विश्लेषण किया। संदिग्धों से पूछताछ की गई। लेकिन काफी प्रयासों के बावजूद पुलिस को बालिका की कोई जानकारी नहीं मिली।
मामले की गम्भीरता को देखते हुए नाबालिग बालिका की दस्तयाबी के लिए 5 हजार रूपये नगद ईनाम की घोषणा कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महिला अपराध एवं अनुसंधान सैल के निर्देशन एवं मानव तस्करी विरोधी यूनिट की प्रभारी शिमला गुर्जर के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
विशेष टीम द्वारा नाबालिग की तलाश के लिये फिर से सीसीटीवी एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य खंगाल संदिग्धों से पूछताछ की गई। मुखबिरों, सोशल मीडिया एवं मीडिया में नाबालिग की फोटो एवं इनाम की जानकारी भेजी गई। प्रत्येक सूचना की टीम तस्दीक कर रही थी। इसी दौरान बालिका के अक्टूबर महीने में बांरा जिले के मार्केट में देखे जाने की जानकारी टीम को मिली।
बारां जिले के अभय कमाण्ड सेन्टर एवं मार्केट की दुकानों पर लगे सीसीटीवी फुटेज चैक किये गये तो बालिका के बारां में होने की सूचना पुख्ता हो गई। मुखबिरों से जानकारी की तो बालिका के हुलिये की लड़की फोरलाईन एवं भूल भुलैया चौराहे के पास कुन्ज विहार कोलोनी में काफी दिनों से देखे जाने की पुख्ता सूचना मिली। विशेष टीम ने मौके पर पहुंच तलाश किया तो उक्त नाबालिग एक रहवाशी मकान के बाहर मिली।
बालिका द्वारा अभी बालिग होने का हवाला देते हुए अपनी मर्जी से यही रहना बताया। लेकिन नाबालिग की गुमशुदगी दर्ज होने की वजह से टीम बालिका को दस्तयाब कर कोटा लेकर आई। अनुसंधान के लिए थानाधिकारी थाना उद्योगनगर को सुपुर्द किया गया। जिसे अनुसंधान के बाद नारी शाला भिजवाया गया।
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