India eye on the changing geopolitical situation in West Asia, supply continues through alternative routes-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Jul 11, 2025 1:54 am
khaskhabar
Location
 
   राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सरकार से विज्ञापनों के लिए मान्यता प्राप्त

पश्चिम एशिया में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर भारत की नजर, वैकल्पिक मार्गों से आपूर्ति जारी

khaskhabar.com: सोमवार, 23 जून 2025 07:12 AM (IST)
पश्चिम एशिया में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर भारत की नजर, वैकल्पिक मार्गों से आपूर्ति जारी
नई दिल्ली,। पश्चिम एशिया में चल रहे भू-राजनीतिक तनाव पर सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को बताया कि भारत पिछले दो सप्ताह से इस उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।


हरदीप सिंह पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के पास कई सप्ताह की आपूर्ति का भंडार पहले से ही मौजूद है।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि भारत पिछले दो सप्ताह से इस उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते कुछ वर्षों में भारत ने अपनी ऊर्जा आपूर्ति को विविध बनाया है और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर नहीं आता। उन्होंने आश्वस्त किया कि भारत की तेल विपणन कंपनियों के पास कई सप्ताह की आपूर्ति का भंडार पहले से ही मौजूद है और उन्हें विभिन्न वैकल्पिक मार्गों से लगातार ऊर्जा की आपूर्ति मिल रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार अपने नागरिकों को ईंधन की आपूर्ति में किसी तरह की अस्थिरता न आने देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को तैयार है।

उल्लेखनीय है कि मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष का सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई से तेल आपूर्ति पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे तेल की कीमतों में तेज उछाल आएगा। शिपिंग भी प्रभावित हो सकती है क्योंकि यमन के हूती विद्रोहियों ने पहले ही चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तो वे जहाजों पर अपने हमले फिर से शुरू कर देंगे।

भारत अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है, और तेल की कीमतों में उछाल से उसके तेल आयात बिल में वृद्धि होती है और मुद्रास्फीति की दर बढ़ जाती है, जो आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचाती है। विदेशी मुद्रा के बड़े व्यय से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होता है।

हालांकि, भारत ने रूस के साथ-साथ अमेरिका से आयात बढ़ाकर और रणनीतिक भंडार के माध्यम से अपने तेल आयात बास्केट में विविधता और मजबूती हासिल की है। तेल एवं गैस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने पहले कहा था कि देश में अब 23 आधुनिक परिचालन रिफाइनरियां हैं, जिनकी कुल क्षमता 25.7 करोड़ टन प्रति वर्ष है।

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement