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अस्थाई स्कूलों की ऐफिलेशन फीस भरकर ढाई लाख बच्चों का भविष्य संवारे सरकार : कुंडू

हिसार। प्राइवेट स्कूल संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री से प्रदेश के अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों से ऐफिलेशन फार्म व फीस भरवाकर उनमें पढ़ने वाले ढाई लाख बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की मांग की है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की ऐफिलेशन फीस भरने की अंतिम तिथि नौ अक्टूबर है। लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों की ऐफिलेशन भरवाने के लिए शिक्षा बोर्ड को कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। इसके कारण अस्थाई स्कूल ऐफिलेशन फार्म व फीस नहीं भर पा रहे हैं, जबकि शिक्षा बोर्ड द्वारा अस्थाई स्कूलों के दसवीं व 12वीं के बच्चों की सत्र 2023-24 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए परमिशन की अपू्रवल भी दे दी गई है।
इन स्कूलों में पहली से 12वीं तक ढाई लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वहीं अकेले 10वीं व 12वीं के 50 हजार बच्चे इन स्कूलों में अध्ययनरत हैं। विदित रहे कि 28 मार्च को सरकार ने अस्थाई स्कूलों को दो साल की एक्सटेंशन बांड भरने की शर्त पर दे दी गई थी, लेकिन बहुत से स्कूलों में इसका विरोध कर दिया था।
कुंडू ने कहा कि अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों की मान्यता एक-एक साल बढ़ाने की बजाए इन स्कूलों को जमीन की शर्त में छूट देकर स्थाई मान्यता दी जाए। ताकि भाजपा का चुनावी वादा भी पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि भाजना ने 2014 में विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सरकार बनने के बाद अस्थाई स्कूलों को नियमों में सरलीकरण करके एकमुश्त मान्यता दी जाएगी, लेकिन अभी तक यह वादा अधूरा है।
इन स्कूलों में ज्यादातर गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे कम फीस में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और अभिभावकों के हिसाब से ये स्कूल उनके बजट में फिट बैठते हैं। प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने मांग की है कि जल्द ही एक्सटेंशन लेटर जारी करके इन सकूलों की ऐफिलेशन भरवाई जाए। इसको लेकर संघ भी जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल व शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर से मुलाकात करेगा।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों की ऐफिलेशन फीस भरने की अंतिम तिथि नौ अक्टूबर है। लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों की ऐफिलेशन भरवाने के लिए शिक्षा बोर्ड को कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। इसके कारण अस्थाई स्कूल ऐफिलेशन फार्म व फीस नहीं भर पा रहे हैं, जबकि शिक्षा बोर्ड द्वारा अस्थाई स्कूलों के दसवीं व 12वीं के बच्चों की सत्र 2023-24 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए परमिशन की अपू्रवल भी दे दी गई है।
इन स्कूलों में पहली से 12वीं तक ढाई लाख बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वहीं अकेले 10वीं व 12वीं के 50 हजार बच्चे इन स्कूलों में अध्ययनरत हैं। विदित रहे कि 28 मार्च को सरकार ने अस्थाई स्कूलों को दो साल की एक्सटेंशन बांड भरने की शर्त पर दे दी गई थी, लेकिन बहुत से स्कूलों में इसका विरोध कर दिया था।
कुंडू ने कहा कि अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों की मान्यता एक-एक साल बढ़ाने की बजाए इन स्कूलों को जमीन की शर्त में छूट देकर स्थाई मान्यता दी जाए। ताकि भाजपा का चुनावी वादा भी पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि भाजना ने 2014 में विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सरकार बनने के बाद अस्थाई स्कूलों को नियमों में सरलीकरण करके एकमुश्त मान्यता दी जाएगी, लेकिन अभी तक यह वादा अधूरा है।
इन स्कूलों में ज्यादातर गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चे कम फीस में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और अभिभावकों के हिसाब से ये स्कूल उनके बजट में फिट बैठते हैं। प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने मांग की है कि जल्द ही एक्सटेंशन लेटर जारी करके इन सकूलों की ऐफिलेशन भरवाई जाए। इसको लेकर संघ भी जल्द ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल व शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर से मुलाकात करेगा।
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