हिमाचल में क्षेत्रीय फिल्मों के निर्माण पर बल दिया जाएगा : मुख्यमंत्री

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महोत्सव 20 देशों और पूरे भारत की संस्कृति, मूल्यों और कला का समागम है। उन्होंने कहा कि समाज को प्रतिबिम्बित करने में फिल्मों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उन्हें जब अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय मिलता है तो वह अवश्य फिल्में देखते हैं।
उन्होंने कहाकि दैनिक जीवन की व्यस्ताओं में फिल्में मनोरंजन उपलब्ध करवाने का एक साधन है। उन्होंने सिनेमा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि फिल्में एक दर्पण के रूप में कार्य करती हैं, जो समाज की विविधता, संस्कृति और मुद्दों को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पहाड़ी भाषा और क्षेत्रीय फिल्मों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि शिमला का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो हिमाचल प्रदेश और वैश्विक फिल्म समुदाय के बीच एक मजबूत रिश्ता कायम रखता है। सिनेमा के माध्यम से हम अपनी संस्कृति, सिद्धांतों और कला को दुनिया तक पहुंचाते हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महोत्सव पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने महोत्सव के शुभारम्भ के दौरान प्रदर्शित फिल्म ‘रोया’ भी देखी। महोत्सव के निदेशक पुष्पराज ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया करते हुए कहा कि इस वर्ष 9वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शिमला के अंतर्गत कण्डा और नाहन की मॉडल सेंट्रल जेल में भी फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ढली में विशेष योग्यता वाले बच्चों के संस्थान में भी फिल्में दिखाई जाएंगी। यहां पर 130 छात्रों को अपने परिसर में फिल्में देखने का अवसर मिलेगा। शिमला के गेयटी थिएटर के साथ इन स्थानों में 22 से 24 सितंबर, 2023 तक तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की मेजबानी की जाएगी।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, सुरेश कुमार, राजेश धर्माणी, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, निदेशक भाषा, कला एवं संस्कृति पंकज ललित, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क राजीव कुमार, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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