48 साल बाद अरब सागर में चक्रवात की दस्तक : गुजरात में अलर्ट, तेज हवाओं और भारी बारिश की चेतावनी

यहां 65 से 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान है। इसके अलावा, राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़ और द्वारका जैसे जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। संभावित खतरे को देखते हुए, कच्छ और राजकोट में स्कूलों की छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं, और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश दिया गया है। प्रशासन ने नागरिकों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।
गुजरात में पिछले एक हफ्ते से जारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। पिछले चार दिनों में ही राज्य में 32 लोगों की जान जा चुकी है। हालात को नियंत्रित करने के लिए NDRF और SDRF की टीमें पहले से ही तैनात हैं, और अब सेना को भी बुलाया गया है।
इस चक्रवात का उत्पत्ति स्थल सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के ऊपर बना गहरा दबाव (डीप डिप्रेशन) है, जो अब अरब सागर की ओर शिफ्ट होकर एक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। मौसम विभाग का कहना था कि यह दबाव कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन शुक्रवार सुबह तक यह और मजबूत होकर तूफान में बदलने की ओर अग्रसर है।
तूफान का संभावित मार्ग :
इस बार तूफान के समुद्र की ओर जाने का अनुमान है, जिससे इसका गुजरात के तटीय क्षेत्रों पर लैंडफॉल होने की संभावना नहीं है। हालांकि, अगले 12 घंटों में यह डीप डिप्रेशन पूरी तरह से तूफान में बदल सकता है, और यदि ऐसा होता है तो इसे 'असना' नाम दिया जाएगा, जो पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया है। इसके बाद तूफान के पाकिस्तान की ओर मुड़कर कमजोर पड़ने की संभावना है।
अगस्त में तूफानों का दुर्लभ होना :
पिछले 80 वर्षों में केवल तीन बार अगस्त के महीने में अरब सागर में चक्रवाती तूफान बने हैं। पहली बार 1944 में, दूसरी बार 1964 में, और तीसरी बार 1976 में। इन तीनों ही मौकों पर यह तूफान तट पर पहुंचने से पहले ही कमजोर पड़ गए थे। इसके विपरीत, बंगाल की खाड़ी में पिछले 132 वर्षों में अगस्त में 28 तूफान आ चुके हैं।
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