Big corruption case: Property worth crores found in raids on IAS premises, zoo showrooms, bungalows and bungalows on immovable property in C-scheme-m.khaskhabar.com
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Oct 16, 2024 7:24 am
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भ्रष्टाचार का बड़ा मामला : आईएएस के ठिकानों पर छापे में मिली करोड़ाें की संपत्ति, सी-स्कीम में अचल संपत्ति पर जूडियो शोरूम, बंगले और कोठियां

khaskhabar.com : बुधवार, 02 अक्टूबर 2024 6:08 PM (IST)
भ्रष्टाचार का बड़ा मामला : आईएएस के ठिकानों पर छापे में मिली करोड़ाें की
 संपत्ति, सी-स्कीम में अचल संपत्ति पर जूडियो शोरूम, बंगले और कोठियां
जयपुर। राजस्थान के कोटा संभाग के संभागीय आयुक्त, राजेन्द्र विजय आई.ए.एस. के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का मामला सामने आया है। आज सुबह एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की विभिन्न टीमों ने जयपुर, कोटा और दौसा में चार स्थानों पर छापे मारे, जिसमें आरोपी की सम्पत्तियों का विस्तृत विवरण सामने आया।


भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि गोपनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजेन्द्र विजय ने अपने और अपने परिवार के नाम पर भ्रष्टाचार के माध्यम से वैध आय से कहीं अधिक चल और अचल सम्पत्तियाँ अर्जित की हैं। इन सम्पत्तियों की अनुमानित कीमत करोड़ों रुपये में है।

सूत्रों की जांच के बाद, एसीबी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की। एसीबी जयपुर की स्पेशल यूनिट के अधीन विशेष टीम ने सक्षम न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त किया और इस अभियान का संचालन किया। छापेमारी के दौरान आरोपी के जयपुर स्थित आवास से 13 आवासीय और व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज, 2.22 लाख रुपये की नगद राशि, 335 ग्राम सोने के आभूषण, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के आभूषण और तीन चार पहिया वाहन बरामद हुए।

इसके अलावा, टीम को कई बीमा पॉलिसियों में निवेश, एक बैंक लॉकर और 16 विभिन्न बैंक खातों के सबूत भी मिले, जिनमें लाखों रुपये जमा हैं। इन सबका मूल्यांकन करते हुए, एसीबी ने यह पाया है कि राजेन्द्र विजय द्वारा अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के माध्यम से करोड़ों रुपये की सम्पत्तियाँ अर्जित की गई हैं।

आरोपी के खिलाफ बेनामी सम्पत्तियों में निवेश के भी साक्ष्य मिले हैं, जिसकी गहन जांच की जाएगी। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक, श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में यह छापेमारी जारी है। यह मामला एक बार फिर यह दर्शाता है कि सरकारी अधिकारियों की संपत्ति और उनके जीवनशैली में एक बड़ा फर्क है, जो न केवल भ्रष्टाचार के प्रति एक गंभीर संकेत है, बल्कि इससे प्रशासन की निष्पक्षता और जनता के प्रति उनके दायित्व पर भी सवाल उठते हैं।

इस मामले में एसीबी द्वारा जल्द ही विस्तृत अनुसंधान किया जाएगा। यह घटना एक चेतावनी है उन सभी के लिए, जो अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर सरकारी धन का अपहरण कर रहे हैं। ऐसे मामलों में न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना आवश्यक है ताकि भ्रष्टाचार का यह सिलसिला समाप्त हो सके।

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