भदोही लॉकअप कांड : हत्या का मामला दर्ज हुआ तो धरने पर बैठा SI का परिवार

कोतवाल के भाई और घर की महिलाओं सहित करीब 30 लोग धरने पर बैठ गए। कोतवाल के भाई मोना वर्मा ने कहा कि मेरे भाई सुनील वर्मा को फंसाया गया। एनजीओ चलाने वाले दो लोगों गौरव पांडे और राजीव शुक्ला ने साजिश के तहत मेरे भाई पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया, वह भी बगैर जांच किए। हम लोग न्याय की मांग करते हैं। बाद में परिजनों ने डीआईजी से बात की और निष्पक्ष जांच का आश्वसन मिलने के बाद धरना खत्म किया गया। आरोपी के परिजनों ने जांच की मांग करते हुए उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान अनहोनी की आशंका से गोपीगंज कोतवाली को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। अपर जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी ने हालात का जायजा लिया। मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. संजय कुमार और कई थानों की पुलिस तैनात थे।
एसआई वर्मा के भाई मोना वर्मा के नेतृत्व में परिवार के संतोष वर्मा, सोनी वर्मा, अनिल वर्मा, आशा वर्मा, चंद्रिका वर्मा, दिनेश वर्मा, इंदुबाला वर्मा समेत काफी लोग थाना परिसर में धरना देने बैठे। उधर आरोपी कोतवाल सुनील वर्मा ने कहा कि यह पूरी तरह साजिश है। अगर मौत कथित पिटाई से हुई है तो गैरइरादन हत्या का मुकदमा दर्ज किया जा सकता था, मुझे सीधे आरोपी बनाना राजनीति है। आईपीसी की दूसरी धाराओं में भी मामले पंजीकृत किए जा सकते थे। उसने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मुझे ही बलि का बकरा क्यों बनाया गया। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर के किसी भाग में आंतरिक चोट के निशान नहीं मिले। यह प्रमाणित नहीं हो पाया कि रामजी की मौत पिटाई या दूसरे कारणों से हुई, फिर मेरे खिलाफ हत्या का मुकदमा क्यों दर्ज किया गया। मेरे साथ राजनीतिक साजिश रची गई है।
आरोपी ने कहा कि जहां तक मेरी जिम्मेदारी की बात है, मैं आज भी उसी बात पर अटल हूं कि रामजी की मौत पिटाई से नहीं, दिल का दौरा पड़ने से हुई।
--आईएएनएस
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