बाजवा का हाईकोर्ट जाना उनका मौलिक अधिकार : अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग

अमरिंदर सिंह ने कहा कि बाजवा का हाईकोर्ट जाना उनका मौलिक अधिकार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज होता है तो अदालत का रुख करना एक संवैधानिक अधिकार होता है, और बाजवा ने वही किया है। वड़िंग ने कहा कि बाजवा के पिता की हत्या हो चुकी है और खुद उन पर भी हमले हो चुके हैं। ऐसे में अगर उन्होंने किसी संभावित खतरे की बात की है तो उसमें कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है।
वड़िंग ने सवाल उठाया कि क्या अब नेताओं को अपने सूत्रों की जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी? उन्होंने अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि जब केजरीवाल ने जो यमुना में जहर मिलाने की बात की थी, तब किसी ने उनके स्रोत पूछे थे क्या? उन्होंने कहा कि बाजवा ने जो कहा, वह पहले ही कई अखबारों में छप चुका था। अगर मुकदमा दर्ज करना है, तो पहले उन अखबारों पर किया जाना चाहिए, जिन्होंने वही सूचना पहले दी थी।
अमरिंदर सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर आने वाले दिनों में राज्य में वाकई हैंड ग्रेनेड गिरते हैं, तो क्या वह पहले से चेतावनी देने के लिए भी दोषी माने जाएंगे? उन्होंने कहा कि बाजवा ने सिर्फ एक चेतावनी दी थी, न कि किसी को डराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पहले से ही चिंताजनक है, और ऐसे में नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को राजनीतिक बदले की भावना से नहीं देखा जाना चाहिए। वड़िंग ने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी सलाह-मशविरा कर रही है और जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अगली रणनीति की जानकारी दी जाएगी।
--आईएएनएस
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