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अमेठी में दलित परिवार की हत्या से हड़कंप, सांसद किशोरी लाल शर्मा ने पुलिस प्रशासन पर उठाए सवाल
पूरे इलाके में कई तरह की बातें कही जा रही हैं इस बीच शवों का पोस्टमार्टम जारी है। गौरीगंज में तीन डॉक्टरों का पैनल शवों का पोस्टमार्टम कर रहा है। वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मृतकों के परिजन और पुलिस बल मौजूद हैं।
सांसद शर्मा ने कहा, "यह नृशंस अपराध पुलिस प्रशासन की विफलता का परिणाम है। अगर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो शायद इस त्रासदी को रोका जा सकता था।" उन्होंने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ तुरंत और कठोरतम कार्रवाई की जाए ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति बनी रहे।
घटना में दो मासूम बच्चों और उनके माता-पिता की हत्या ने पूरे इलाके में डर और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। सांसद ने यह भी बताया कि उन्होंने मृतक परिवार के बुजुर्ग से बात की, जिन्होंने पहले से ही कुछ संदेह जाहिर किया था, परंतु पुलिस ने उन पर ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि अगर दलित समुदाय इस तरह असुरक्षित महसूस करता है, तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस पर तुरंत संज्ञान ले। उन्होंने कहा, "पुलिस और शासन का भय अपराधियों में नहीं होगा तो आम जनता भी असुरक्षित हो जाएगी।"
शिक्षक सुनील की पत्नी ने अगस्त में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उचित कार्रवाई न होने के कारण यह दुखद घटना हुई। अब यह देखना होगा कि प्रशासन दोषियों को सजा देने में कितना तत्पर रहता है, क्योंकि यह घटना पुलिस की निष्क्रियता की ओर इशारा करती है।
अमेठी की जनता और दलित समुदाय में इस घटना के बाद डर का माहौल व्याप्त है, और लोग सरकार से न्याय की मांग कर रहे हैं।
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