Advertisement
आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम, नागालैंड यूनिवर्सिटी ने विकसित किया लचीला सुपरकैपेसिटर

साइंटिफिक जर्नल आरएससी एडवांसेज में प्रकाशित शोधपत्र में कहा गया है कि इस डिवाइस का इस्तेमाल स्वास्थ्य निगरानी उपकरणों, इंटरनेट से जुड़ी छोटी-छोटी मशीनों और रोबोटिक्स में किया जा सकता है। इसके अलावा, इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक वाहनों में भी हो सकता है, जिससे वाहनों की ऊर्जा बचाने और बेहतर प्रदर्शन देने की संभावना बढ़ जाएगी।
यह सुपरकैपेसिटर इलेक्ट्रिक वाहनों के ब्रेकिंग सिस्टम को बेहतर बना सकता है। उदाहरण के तौर पर, जब इलेक्ट्रिक वाहन ब्रेक लगाता है तो इसकी ऊर्जा को सुपरकैपेसिटर संग्रहित कर बैटरी की उम्र बढ़ा सकता है।
नागालैंड विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. विजेथ एच ने कहा, "इस डिवाइस में लचीलापन, ज्यादा ऊर्जा संग्रहण क्षमता और टिकाऊपन जैसे गुण हैं, जो भविष्य के पोर्टेबल और पहनने वाले तकनीकी उपकरणों के लिए बहुत जरूरी हैं। अध्ययन के दौरान तीन धातुओं टंगस्टन, वैनेडियम और कोबाल्ट को मोलिब्डेनम डिसेलेनाइड नामक पदार्थ में मिलाकर ऊर्जा संग्रहण की क्षमता पर जांच की गई। इनमें कोबाल्ट सबसे अच्छा परिणाम दिखाने वाला पाया गया।"
यह नई तकनीक नागालैंड यूनिवर्सिटी के एडवांस्ड मैटेरियल्स फॉर डिवाइस एप्लीकेशन (एएमडीए) अनुसंधान प्रयोगशाला में विकसित की गई है।
यह डिवाइस 34.54 वॉट घंटे प्रति किलो ऊर्जा संग्रहित कर सकता है और 10,000 बार चार्ज और डिस्चार्ज करने के बाद भी अपनी क्षमता को बरकरार रखता है। इसे बार-बार मोड़ने और घुमाने के बावजूद इसकी कार्यक्षमता बनी रहती है। यह गुण इसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के लिए बेहद उपयुक्त बनाता है।
आज के समय में जब इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, इलेक्ट्रिक वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा तेजी से बढ़ रहे हैं, तब ऊर्जा संग्रहण के लिए भरोसेमंद और सक्षम उपकरणों की मांग भी लगातार बढ़ रही है। नागालैंड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लचीलापन, टिकाऊपन और उच्च ऊर्जा क्षमता को जोड़कर इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
--आईएएनएस
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
गैजेट्स
Advertisement
Traffic
Features


