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द ताज स्टोरी के डायलॉग प्रोमो में परेश रावल ने छेड़ी राष्ट्रीय बहस, ये धर्म की नहीं, भारत के इतिहास की बात है

गौरतलब है कि परेश रावल, जाकिर हुसैन, अमृता खानविलकर, स्नेहा वाघ, और नमित दास जैसे सशक्त कलाकारों से सजी यह फिल्म एक तीखा सामाजिक ड्रामा है, जो आज के समय का सबसे चुनौतीपूर्ण सवाल उठाती है और वह सवाल है “आज़ादी के 79 साल बाद भी, क्या हम अब भी बौद्धिक आतंकवाद के गुलाम हैं?” '
द ताज स्टोरी' सिर्फ एक ऐतिहासिक फिल्म नहीं, बल्कि एक सिनेमा आधारित विमर्श है, जो सामाजिक टिप्पणी और ऐतिहासिक तथ्यों की नई व्याख्या को साथ लेकर चलता है। 31 अक्टूबर 2025 को देशभर में भव्य रिलीज़ के लिए तैयार 'द ताज स्टोरी' निश्चित रूप से दर्शकों को सोचने, सवाल करने और इतिहास तथा आज़ादी के मायनों को नए सिरे से समझने के लिए प्रेरित करेगी।
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