फिर मुसीबत में फंसी ओला इलेक्ट्रिक, सरकार ने दिए जाँच के आदेश

सरकारी स्कीम्स का ले रही लाभ
ओला इलेक्ट्रिक की व्हीकल पोर्टल पर फरवरी के लिए रजिस्ट्रेशन की कुल संख्या 8,652 थी। जबकि कंपनी ने फरवरी में 25,000 से भी ज्यादा गाड़ियों की बिक्री की सूचना दी थी। व्हीकल पोर्टल पर 20 मार्च तक कंपनी के रजिस्ट्रेशन 11,781 थे। बताते चलें कि भाविश अग्रवाल की कंपनी ओला इलेक्ट्रिक ईवी को प्रोत्साहन देने वाली सरकारी स्कीम फेम-2 और पीएम ई-ड्राइव योजनाओं की लाभार्थी है। मंत्रालय के प्रशासनिक कंट्रोल के तहत सर्टिफिकेशन और टेस्टिंग एजेंसी ARAI ने इसकी एलिजिबिलिटी का सर्टिफिकेट दिया हुआ है।
नियमों का पालन कराना एआरएआई की जिम्मेदारी
अधिकारियों ने नाम सामने न आने की शर्त पर कहा, ‘‘ये एआरएआई की जिम्मेदारी है कि पीएम ई-ड्राइव योजना के दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित हो। एआरएआई कंपनी के सेल्स डेटा में गड़बड़ी और ग्राहकों की शिकायतों की भी जांच करेगा। हमने एजेंसी को 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।’’ सरकार के इस कदम के बारे में प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किए जाने पर ओला इलेक्ट्रिक ने कोई भी स्टेटमेंट देने से इनकार कर दिया। ओला इलेक्ट्रिक को कई तरह के रेगुलेटरी प्रेशर का सामना करना पड़ रहा है।
कई अथॉरिटी के रडार पर है भाविश अग्रवाल की कंपनी
कंज्यूमर राइट्स रेगुलेटर सीसीपीए समेत कई अथॉरिटी ओला इलेक्ट्रिक की सर्विस और गाड़ियों में कथित 'खामियों' से जुड़ी शिकायतों की जांच का आदेश दे रहे हैं। पिछले हफ्ते, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड ने कहा था कि उसके व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्विस प्रोवाइडर रोसमेर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड ने सब्सिडरी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।
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