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आज एक साथ होगा प्रतिपदा और द्वितीया का श्राद्ध, जानिये शुभ मुहूर्त

पितृपक्ष आरंभ हो चुके
हैं। इसी क्रम में
आज द्वितीया श्राद्ध है। हिंदू धर्म
के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण
पक्ष की प्रतिपदा तिथि
से लेकर अमावस्या तक
पितृ पक्ष चलते हैं।
इस दौरान पितरों का तर्पण, पिंडदान
और श्राद्ध किया जाता है।
ऐसे में इस बार
पितृ पक्ष 29 सितंबर से शुरू हुए
हैं, जो 14 अक्टूबर को सर्व पितृ
अमावस्या के दिन समाप्त
हो जाएंगे। जानिए आज के दिन
किनका किया जाएगा श्राद्ध,
साथ ही जानिए विधि।
श्राद्ध पक्ष की द्वितीया
तिथि कब से कब
तक
20 सितंबर को द्वितीया तिथि
दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ
होगी और 01 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर
41 मिनट पर समाप्त होगी।
प्रतिपदा व द्वितीया तिथि
श्राद्ध व तर्पण के
शुभ मुहूर्त:
कुतुप मूहूर्त – 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर
35 मिनट तक
रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से 01 बजकर 23 मिनट तक
अपराह्न काल – दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से 03 बजकर 46 मिनट तक पितृ पक्ष के दूसरे दिन करें इन लोगों का श्राद्ध आपके घर में दिन लोगों की मृत्यु कृष्ण या शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुई हो। उनका आज श्राद्ध, तर्पण किया जाएगा। इसे दूज श्राद्ध के नाम से भी जानते हैं। कौन लोग कर सकते हैं श्राद्ध? श्राद्ध घर का पुत्र, पौत्र, भांजा कोई भी कर सकता है। इसके साथ ही जिसके घर में पुरुष नहीं है। ऐसे में पुत्री का पति यानी दामाद कर सकता है। कैसे करें पितरों का तर्पण दूसरे दिन के श्राद्ध में जल के अलावा तिल और सत्तू से तर्पण किया जाता है। सबसे पहले सत्तू में तिल मिलाकर दक्षिण-पश्चिम दिशा में सत्तू को छिड़कते हुए अपने पितरों को याद करें। इसके बाद जल अर्पित कर दें। ऐसा करने से पितर तृप्त हो जाते हैं। जल से पितरों का तर्पण कर रहे हैं, तो जल में थोड़ा सा गंगाजल, दूध, काले तिल,फूल, अक्षत आदि डाल दें। इसके बाद हाथ में कुशा ले लें। इसके बाद अंजलि से धीरे-धीरे तीन बार पितरों को तर्पण करें। इसके साथ ही पितरों का मनन करते हुए इस मंत्र को बोलें अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।। इन्हें कराएं भोजन पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने के बाद कौआ, चींटी, गाय और कु्त्ते के लिए भोजन निकाल दें। इसके साथ ही ब्राह्मणों को भी भोजन कराएं। कब किसका होगा श्राद्ध द्वितीया श्राद्ध- 30 सितंबर 2023, शनिवार
तृतीया श्राद्ध- 1 अक्टूबर 2023, रविवार
चतुर्थी श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2023, सोमवार
महा भरणी श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2023, सोमवार
पञ्चमी श्राद्ध- 3 अक्टूबर 2023, मंगलवार
षष्ठी श्राद्ध- 4 अक्टूबर 2023, बुधवार
सप्तमी श्राद्ध- 5 अक्टूबर 2023, गुरुवार
अष्टमी श्राद्ध- 6 अक्टूबर 2023, शुक्रवार
नवमी श्राद्ध -7 अक्टूबर 2023, शनिवार
दशमी श्राद्ध- 8 अक्टूबर 2023, रविवार
एकादशी श्राद्ध- 9 अक्टूबर 2023, सोमवार
मघा श्राद्ध- 10 अक्टूबर 2023, मंगलवार
द्वादशी श्राद्ध- 11 अक्टूबर 2023, बुधवार
त्रयोदशी श्राद्ध- 12 अक्टूबर 2023, गुरुवार
चतुर्दशी श्राद्ध- 13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार
सर्वपितृ अमावस्या- 14 अक्टूबर 2023, शनिवार नोट- आलेख का उद्देश्य मात्र जानकारी देना है। दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
रौहिण मूहूर्त – दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से 01 बजकर 23 मिनट तक
अपराह्न काल – दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से 03 बजकर 46 मिनट तक पितृ पक्ष के दूसरे दिन करें इन लोगों का श्राद्ध आपके घर में दिन लोगों की मृत्यु कृष्ण या शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को हुई हो। उनका आज श्राद्ध, तर्पण किया जाएगा। इसे दूज श्राद्ध के नाम से भी जानते हैं। कौन लोग कर सकते हैं श्राद्ध? श्राद्ध घर का पुत्र, पौत्र, भांजा कोई भी कर सकता है। इसके साथ ही जिसके घर में पुरुष नहीं है। ऐसे में पुत्री का पति यानी दामाद कर सकता है। कैसे करें पितरों का तर्पण दूसरे दिन के श्राद्ध में जल के अलावा तिल और सत्तू से तर्पण किया जाता है। सबसे पहले सत्तू में तिल मिलाकर दक्षिण-पश्चिम दिशा में सत्तू को छिड़कते हुए अपने पितरों को याद करें। इसके बाद जल अर्पित कर दें। ऐसा करने से पितर तृप्त हो जाते हैं। जल से पितरों का तर्पण कर रहे हैं, तो जल में थोड़ा सा गंगाजल, दूध, काले तिल,फूल, अक्षत आदि डाल दें। इसके बाद हाथ में कुशा ले लें। इसके बाद अंजलि से धीरे-धीरे तीन बार पितरों को तर्पण करें। इसके साथ ही पितरों का मनन करते हुए इस मंत्र को बोलें अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
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चतुर्थी श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2023, सोमवार
महा भरणी श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2023, सोमवार
पञ्चमी श्राद्ध- 3 अक्टूबर 2023, मंगलवार
षष्ठी श्राद्ध- 4 अक्टूबर 2023, बुधवार
सप्तमी श्राद्ध- 5 अक्टूबर 2023, गुरुवार
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मघा श्राद्ध- 10 अक्टूबर 2023, मंगलवार
द्वादशी श्राद्ध- 11 अक्टूबर 2023, बुधवार
त्रयोदशी श्राद्ध- 12 अक्टूबर 2023, गुरुवार
चतुर्दशी श्राद्ध- 13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार
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