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बुध ने बदली राशि, बनाएगा बुधादित्य योग, बच्चों की कुंडली में होगा योग का निर्माण

बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। बुद्धि, वाणी, व्यापार और गणित के कारक ग्रह बुध मंगलवार को सुबह 7.27 बजे राशि परिवर्तन करके मकर राशि में प्रवेश कर गए। बुध मकर राशि में 27 फरवरी तक विराजमान रहेंगे। इसके बाद बुध शनि के स्वामित्व वाली दूसरी राशि कुंभ में प्रवेश करेंगे।
पूजा-पाठ विशेषज्ञ पंडित लोकेश शर्मा का कहना है कि मकर राशि में पहले से भगवान सूर्य देव विराजमान हैं। बुध के मकर राशि में जाने से 7 दिनों के लिए ज्योतिष में बुधादित्य योग का निर्माण होगा। 13 फरवरी को सूर्य अपना घर बदलेंगे। यह मकर राशि से कुंभ में चले जाएंगे।
गौरतलब है कि 14 जनवरी की रात को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर शनि देव के साथ आ गए थे। लेकिन दो दिन बाद यानी 17 जनवरी को शनि देव राशि बदलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर गए, जिससे सूर्य-शनि का अशुभ द्विद्र्वादश योग एक महीने के बना लिए बना। 13 फरवरी से फिर सूर्य-शनि एकसाथ कुंभ राशि में रहेंगे। इसके बाद 15 मार्च को सूर्य मीन राशि में चले जाएंगे, जिससे 14 अप्रैल तक फिर से सूर्य-शनि का अशुभ द्विद्र्वादश योग रहेगा।
फरवरी 7 से बुध के गोचर के कारण एक सप्ताह के लिए जो बुधादित्य योग बन रहा है वह इन 7 दिनों में जन्म लेने वाले बच्चों की कुंडली में हमेशा के लिए बुधादित्य योग का निर्माण करेगा। ज्योतिषियों का कहना है कि जन्म कुंडली में बुधादित्य योग को अच्छा माना जाता है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस राशि परिवर्तन के साथ ही सूर्य-शनि कुछ दिन एकसाथ रहेंगे और थोड़े दिन द्विद्र्वादश योग बनेगा। यानी ये दोनों ग्रह एक-दूसरे से बारहवीं राशि में रहेंगे। ज्योतिष में सूर्य और शनि को एक-दूसरे का शत्रु माना जाता है। जब भी ऐसे योग बनते हैं तब देश-दुनिया में अनचाहे बदलाव और दुर्घटनाएं होती हैं। तनाव, अशांति और डर का माहौल भी बनता है। पिछले साल भी इन दिनों ये अशुभ योग बना था।
पूजा-पाठ विशेषज्ञ पंडित लोकेश शर्मा का कहना है कि मकर राशि में पहले से भगवान सूर्य देव विराजमान हैं। बुध के मकर राशि में जाने से 7 दिनों के लिए ज्योतिष में बुधादित्य योग का निर्माण होगा। 13 फरवरी को सूर्य अपना घर बदलेंगे। यह मकर राशि से कुंभ में चले जाएंगे।
गौरतलब है कि 14 जनवरी की रात को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश कर शनि देव के साथ आ गए थे। लेकिन दो दिन बाद यानी 17 जनवरी को शनि देव राशि बदलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर गए, जिससे सूर्य-शनि का अशुभ द्विद्र्वादश योग एक महीने के बना लिए बना। 13 फरवरी से फिर सूर्य-शनि एकसाथ कुंभ राशि में रहेंगे। इसके बाद 15 मार्च को सूर्य मीन राशि में चले जाएंगे, जिससे 14 अप्रैल तक फिर से सूर्य-शनि का अशुभ द्विद्र्वादश योग रहेगा।
फरवरी 7 से बुध के गोचर के कारण एक सप्ताह के लिए जो बुधादित्य योग बन रहा है वह इन 7 दिनों में जन्म लेने वाले बच्चों की कुंडली में हमेशा के लिए बुधादित्य योग का निर्माण करेगा। ज्योतिषियों का कहना है कि जन्म कुंडली में बुधादित्य योग को अच्छा माना जाता है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस राशि परिवर्तन के साथ ही सूर्य-शनि कुछ दिन एकसाथ रहेंगे और थोड़े दिन द्विद्र्वादश योग बनेगा। यानी ये दोनों ग्रह एक-दूसरे से बारहवीं राशि में रहेंगे। ज्योतिष में सूर्य और शनि को एक-दूसरे का शत्रु माना जाता है। जब भी ऐसे योग बनते हैं तब देश-दुनिया में अनचाहे बदलाव और दुर्घटनाएं होती हैं। तनाव, अशांति और डर का माहौल भी बनता है। पिछले साल भी इन दिनों ये अशुभ योग बना था।
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