Like the Ganga, our culture is the right of all humanity: Dr. Chinmay Pandya-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Nov 11, 2025 12:57 pm
Location
 
   राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सरकार से विज्ञापनों के लिए मान्यता प्राप्त
Advertisement

गंगा की भांति हमारी संस्कृति संपूर्ण मानवता का अधिकार है : डॉ. चिन्मय पंड्या

khaskhabar.com: बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 5:02 PM (IST)
गंगा की भांति हमारी संस्कृति संपूर्ण मानवता का अधिकार है : डॉ. चिन्मय पंड्या
मोहाली। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने मोहाली में आयोजित प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में अपने प्रेरणादायक उद्बोधन से सभी कार्यकर्ताओं को गहराई से प्रभावित किया। अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान डॉ. पंड्या ने कार्यकर्ताओं को आध्यात्मिक जागरण और सांस्कृतिक पुनर्स्थापना के लिए प्रेरित किया। डॉ. पंड्या ने “व्यक्ति के अंदर के अंधकार को कैसे करें दूर” विषय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में भारतीय संस्कृति की महत्ता पर बल देते हुए कहा, “गंगा की भांति हमारा संदेश, हमारी संस्कृति, और हमारे विचार संपूर्ण मानवता के अधिकार हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय संस्कृति को जगाना शेष है, और भारतीय अध्ययन को जगाना शेष है। डॉ. पंड्या के अनुसार, "जब यह ज्योति पुनः प्रज्वलित होगी, तभी विश्व का सच्चा कल्याण संभव होगा।" डॉ. पंड्या ने इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव की अनुपम कृति ‘हमारी वसीयत और विरासत’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह ग्रंथ युग परिवर्तन की दिशा में एक आध्यात्मिक घोषणापत्र के समान है। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं को आगामी महत्वपूर्ण आयोजनों के प्रति भी जागरूक किया। इनमें अखंड दीपक के 100 वर्ष और परम वंदनीय माता जी की जन्म शताब्दी वर्ष (2026) का आयोजन शामिल है।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे इस अवसर को केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि लोकमंगल एवं युग निर्माण के उत्सव के रूप में मनाएँ। डॉ. पंड्या के प्रेरक उद्बोधन के पश्चात् सभी कार्यकर्ताओं ने युगधर्म की साधना में पूर्ण समर्पण के साथ योगदान देने का संकल्प व्यक्त किया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement