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251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का भव्य समापन, डॉ. पंड्या ने बताया यज्ञ का वैज्ञानिक महत्व

khaskhabar.com: शनिवार, 22 मार्च 2025 5:40 PM (IST)
251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का भव्य समापन, डॉ. पंड्या ने बताया यज्ञ का वैज्ञानिक महत्व
अमेठी। अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध, ने 251 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के सफल समापन के साथ एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा। देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति, डॉ. चिन्मय पंड्या की गरिमामयी उपस्थिति में यह आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं, समाज के प्रतिष्ठित नागरिकों, विद्वानों और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।

डॉ. पंड्या ने यज्ञ के ज्ञान, विज्ञान और विधि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यज्ञ केवल पर्यावरण को शुद्ध करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का भी उत्तम साधन है। उन्होंने यज्ञ से उत्पन्न होने वाली शक्तियों के सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित किया, जो समाज को उच्च नैतिक मूल्यों के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।
उन्होंने यज्ञ की विधि को समझाते हुए बताया कि प्राचीन ऋषियों द्वारा विकसित यह प्रक्रिया मानवीय चेतना को जागृत करने और समाज में सद्भावना, सहयोग और नैतिक उत्थान को बढ़ावा देने का एक साधन है। इस महायज्ञ के माध्यम से पूज्य गुरुदेव के संदेश को व्यापक रूप से समाज में प्रसारित किया गया।
कार्यक्रम में, सांसद के.एल. शर्मा, जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल, राजेश श्रीवास्तव, नरेंद्र मिश्रा, देवमणि तिवारी, विधायक महाराजी मझापाल, अरुण प्रजापति और अन्य प्रतिष्ठित जनों सहित कई गणमान्य अतिथियों को डॉ. पंड्या जी द्वारा स्मृति चिन्ह और परम पूज्य गुरुदेव का साहित्य भेंट किया गया। यह महायज्ञ अमेठी के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया। - खासखबर नेटवर्क

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