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यमुनानगर हादसा : एक परिवार के टूटने की कहानी और समाज के सामने खड़े सवाल

khaskhabar.com: मंगलवार, 30 सितम्बर 2025 10:15 AM (IST)
यमुनानगर हादसा : एक परिवार के टूटने की कहानी और समाज के सामने खड़े सवाल
यमुनानगर। कुरुक्षेत्र-कैथल रोड पर हुए भीषण सड़क हादसे ने तीन भाइयों के परिवार को उजाड़ दिया और पूरे यमुनानगर को गहरे शोक में डाल दिया। श्मशान घाट में एक साथ पांच चिताओं का जलना हादसे की त्रासदी का प्रतीक बन गया, जिसे कोई भी भूल नहीं पाएगा। ऐसे हादसे केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं होते, बल्कि वे पूरे समाज को झकझोर देते हैं। गुलाबनगर की गलियों में पसरा सन्नाटा और लोगों का आंसुओं में डूब जाना इस बात को दर्शाता है कि किसी एक परिवार का बिखरना सामूहिक पीड़ा में बदल जाता है। पवन कौशिक की बेटी वंशिता की शादी की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन उसकी जिंदगी एक पल में थम गई। राजेंद्र कौशिक एक नए ज्योतिष केंद्र खोलने की तैयारी कर रहे थे, वह सपना हमेशा के लिए अधूरा रह गया। संजय और सुमन की जीवन यात्रा बिना संतान के ही संघर्षमय थी, अब संजय अकेलेपन की गहरी खाई में जा गिरे हैं।
इन अधूरे सपनों की कहानी इस हादसे को और भी करुण बना देती है।
13 वर्षीय तन्मय, जिसने अपने माता-पिता और बहन को खो दिया, अब जीवन की सबसे कठिन जिम्मेदारियों के साथ खड़ा है। यह सवाल केवल उसके परिवार का नहीं, बल्कि समाज का भी है कि ऐसे बच्चों को कैसे सहारा और सुरक्षा दी जाए।
सड़क सुरक्षा पर गहरे सवाल
हादसे की प्रारंभिक जांच से सामने आया कि यह टक्कर तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग के कारण हुई। भारत में हर साल लाखों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं।
सवाल यह है कि क्या हमारी सड़क सुरक्षा नीतियां पर्याप्त हैं? क्या लोग यातायात नियमों का पालन करने के प्रति सचेत हैं? क्या प्रशासन की जिम्मेदारी केवल हादसे के बाद रिपोर्ट दर्ज करने तक सीमित रह जानी चाहिए?
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के लिए यह हादसा चेतावनी है। हर बड़े हादसे के बाद कुछ दिन तक चर्चा होती है, जांच समितियां बनती हैं, लेकिन फिर सब भुला दिया जाता है। असल सुधार तभी संभव है जब सड़क सुरक्षा को राजनीतिक प्राथमिकता बनाया जाए।
इस हादसे ने दिखाया कि दुख में पूरा समाज साथ खड़ा होता है। लेकिन यह भी सच है कि सामुदायिक सहयोग केवल शोक-संवेदना तक सीमित नहीं होना चाहिए। समाज को ऐसे अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा, पालन-पोषण और मानसिक सहारे की जिम्मेदारी भी उठानी होगी।

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