हम एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करते हैं : पार्किंग शुल्क बढ़ोतरी पर सीफोरवो का विरोध

शहर के निवासी पहले ही बीते कुछ महीनों में टैक्स, फीस और विभिन्न प्रकार के शुल्कों की बेतहाशा बढ़ोतरी से त्रस्त हैं। प्रशासन और नगर निगम की यह नीति आम नागरिकों के लिए और भी अधिक असहज और आर्थिक रूप से बोझिल होती जा रही है। यह फैसला जनहित के मूल भाव के खिलाफ है।
सिटी फोरम ऑफ रेजिडेंट्स वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन के संयोजक विनोद वशिष्ठ ने कहा-हमारा स्पष्ट मत है कि यदि वास्तव में नगर निगम का उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना है, तो उसे पारदर्शिता और स्मार्ट प्रबंधन की ओर कदम बढ़ाना चाहिए। सभी पीओएस पार्किंग मशीनों को केंद्रीय सर्वर से जोड़ा जाना चाहिए, जिससे संग्रहण प्रक्रिया पारदर्शी और ईमानदार बन सके। इससे बिना शुल्क बढ़ाए भी राजस्व में 30-40% तक की वृद्धि संभव है।
साथ ही, शहर में स्मार्ट पार्किंग सुविधाओं से युक्त कुछ रोल मॉडल पार्किंग स्पॉट बनाए जाएं, ताकि अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा मिल सके। वर्तमान व्यवस्था में सुधार लाए बिना शुल्क बढ़ाना नागरिकों के साथ अन्याय है।
विशेष रूप से, दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग दरों में किसी भी प्रकार की वृद्धि से परहेज़ किया जाना चाहिए था। ये वाहन शहर की सड़कों पर यातायात दबाव को कम करने में सहायक होते हैं और इन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, न कि आर्थिक दंड दिया जाना।
हम प्रशासन और निगम से आग्रह करते हैं कि इस निर्णय को तत्काल प्रभाव से पुनर्विचार में लिया जाए और सभी हितधारकों को साथ लेकर एक व्यवहारिक और पारदर्शी नीति का निर्माण किया जाए।
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