हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत, सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को राहत देते हुए कहा कि वह शनिवार शाम को लखीमपुर खीरी जा सकता है लेकिन रविवार शाम तक उसे लखीमपुर खीरी छोड़ना होगा।
अदालत ने यह भी कहा कि इस दौरान आशीष मिश्रा किसी सार्वजनिक मीटिंग में भाग नहीं लेगा और न ही किसी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होगा।
आशीष मिश्रा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई थी कि वह अपनी मां और बच्चों से मिल नहीं पाता है। साथ ही वह अपने बच्चों और परिवार के साथ समय बिताना चाहता है।
आशीष मिश्रा के वकील ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष के जो आरोपी हैं, उनकी जमानत की शर्तों में ऐसा कुछ नहीं है, जबकि वे जमानत के बाद भी लखीमपुर में रह रहे हैं।
इस बीच, यूपी सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि 16 चश्मदीद गवाहों की गवाही हो चुकी है, जबकि कुल 208 गवाह हैं।
बता दें कि आरोपी आशीष मिश्रा पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा है।
दरअसल, साल 2021 में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दौरान आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते साल जुलाई में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दी गई अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदल दिया था।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा की राष्ट्रीय राजधानी में रहने की जमानत की शर्त में थोड़ी ढील दी थी। उन्होंने इस बात पर विचार करते हुए कहा था कि उसकी मां दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं और उसकी बेटी को भी इलाज की जरूरत है।
--आईएएनएस
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