Union Minister Ashwini Vaishnaw to deliver 21st DP Kohli Memorial Lecture on the occasion of 62nd Foundation Day of CBI-m.khaskhabar.com
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May 25, 2025 11:55 am
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CBI के 62वें स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव देंगे 21वां 'डीपी कोहली स्मारक व्याख्यान'

khaskhabar.com: सोमवार, 31 मार्च 2025 4:46 PM (IST)
CBI के 62वें स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव देंगे 21वां 'डीपी कोहली स्मारक व्याख्यान'
नई दिल्ली । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 1 अप्रैल, 2025 को अपने 62वें स्थापना दिवस के अवसर पर 21वां डीपी कोहली स्मारक व्याख्यान आयोजित कर रहा है। इस अवसर पर रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भारत मंडपम में डीपी कोहली स्मारक व्याख्यान देंगे, जिसका विषय ‘विकसित भारत @ 2047 - सीबीआई के लिए एक रोडमैप’ रखा गया है।


इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सीबीआई अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएम) और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएम) भी प्रदान करेंगे। सीबीआई अपने संस्थापक निदेशक स्वर्गीय धर्मनाथ प्रसाद कोहली को श्रद्धांजलि अर्पित करती है और वर्ष 2000 से डी.पी. कोहली स्मारक व्याख्यान का आयोजन करती आ रही है।

1907 में उत्तर प्रदेश में जन्मे धर्मनाथ प्रसाद कोहली का भारतीय पुलिस में विशिष्ट करियर रहा। 1931 में पुलिस सेवा में शामिल होने के बाद, उन्होंने यूपी, तत्कालीन मध्य भारत और भारत सरकार में सेवा की। जुलाई 1955 से मार्च 1963 तक वे डीएसपीई के प्रमुख रहे। 1 अप्रैल, 1963 को केंद्रीय जांच ब्यूरो के गठन के बाद डी. पी. कोहली इसके संस्थापक निदेशक बने और 1963 से 31 मई, 1968, अपनी सेवानिवृत्ति तक इसके निदेशक बने रहे।

इस लेक्चर सीरीज में अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिष्ठित वक्ता और दिग्गज भाग लेते हैं और प्रासंगिक विषयों पर अपने अनुभव साझा करते हैं। इस लेक्चर सीरीज का उद्देश्य संवाद को बढ़ावा देना, ज्ञान साझा करना और कानून प्रवर्तन, आपराधिक न्याय प्रणाली और आपराधिक जांच के क्षेत्र में चुनौतियों और समाधानों की समझ को आगे बढ़ाना है।

डी. पी. कोहली स्मारक व्याख्यान सीबीआई को एक प्रमुख जांच एजेंसी के रूप में स्थापित करने में डी. पी. कोहली के दृष्टिकोण के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में महत्वपूर्ण है। यह सीबीआई द्वारा निष्पक्षता और अखंडता में निहित संचालन में ईमानदारी, जवाबदेही और उत्कृष्टता को बनाए रखने के लिए एजेंसी की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

केंद्रीय जांच ब्यूरो की स्थापना भारत सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा की गई थी, इसका उद्देश्य रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करना था। साथ ही केंद्रीय वित्तीय कानूनों के उल्लंघन, गंभीर अपराधों के अलावा सहायक खुफिया जानकारी इकट्ठा करना भी केंद्रीय जांच ब्यूरों के कार्यों में शामिल किया गया था।

पिछले छह दशकों से भी अधिक समय में केंद्रीय जांच ब्यूरो देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी के रूप में उभरा है, जो साइबर वित्तीय अपराधों, ऑनलाइन सीएसएएम (बाल यौन शोषण सामग्री) जैसे उभरते नए युग के अपराधों को भी कवर करता है। भारत में आईएनटीईआरपीओएल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई कानून प्रवर्तन में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का समन्वय भी करती है।

--आईएएनएस

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