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ग़ाज़ा: युद्ध के 600 दिन बाद 'अंधकारमय हालात', हताश भीड़ का खाद्य केन्द्र पर धावा

Source: UN News: शुक्रवार, 30 मई 2025 00:00 AM (IST)
ग़ाज़ा: युद्ध के 600 दिन बाद 'अंधकारमय हालात', हताश भीड़ का खाद्य केन्द्र पर धावा
हिंसक टकराव शुरू होने के 600 दिन बीतने के बाद, ग़ाज़ा में मानवीय हालात अपने ‘सबसे अंधकारमय पड़ाव पर’ हैं. निरन्तर, घातक बमबारी और जबरन सामूहिक विस्थापन के बीच फ़लस्तीनी परिवार भरपेट भोजन न मिल पाने का शिकार हैं और दैनिक गुज़र-बसर के लिए ज़रूरी सामान से वंचित भी. मध्य ग़ाज़ा में बुधवार को हताश लोगों की भीड़ ने एक खाद्य भंडारण केन्द्र पर धावा बोल दिया. इस आपाधापी में दो लोग मारे गए हैं और अनेक अन्य घायल हुए हैं. यह घटना डेयर अल-बालाह में स्थित विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के एक केन्द्र में हुई, जहाँ सीमित मात्रा में गेहूँ का आटा पहले से तैयार रखा गया था, ताकि किसी बेकरी में फिर काम शुरू करने के लिए उपयोग में लाया जा सके.मध्य पूर्व के लिए WFP की क्षेत्रीय निदेशक कॉरिन फ़्लाइशर ने क्षोभ जताया कि यह एक ऐसी त्रासदी है, जिसे कभी नहीं होना चाहिए था. “जब लोगों को पता चलता है कि भोजन आ रहा है, तो उनकी हताशा, संयम व ठहराव में बदल जाती है.” इसके मद्दनज़र, उन्होंने ऐसी घटनाओं को टालने के लिए मानवीय सहायता का प्रवाह निरन्तर बनाए रखने की अपील की है. Tweet URL खाद्य भंडारण केन्द्र पर हताश भीड़ का धावा बोल देना, एक चिन्ताजनक संकेत है कि ग़ाज़ा में सहायता आपूर्ति पर 80 दिनों तक थोपी गई पाबन्दी से भूख संकट अब नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है.पिछले कुछ दिनों में राहत सामग्री से लदे ट्रकों ने ग़ाज़ा में फिर पहुँचना शुरू किया है, मगर यूएन के वरिष्ठ अधिकारियों ने आगाह भी किया है कि यह महासागर में एक बून्द जितना ही पर्याप्त है.WFP ने बिगड़ती परिस्थितियों के बीच अपनी अपील दोहराई है कि ग़ाज़ा में तत्काल, सुरक्षित ढंग से बेरोकटोक खाद्य सहायता वितरित करने के लिए मार्ग मुहैया कराया जाना होगा.अंधकार भरा क्षणइस बीच, क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े के लिए यूएन मानवतावादी टीम ने चेतावनी जारी की है कि मौजूदा संकट के 600 दिन बीतने के बाद ग़ाज़ा में मानवीय हालात अपने सबसे अंधकार भरे पड़ाव पर पहुँच चुके हैं.निरन्तर बमबारी, सामूहिक विस्थापन का सामना कर रहे परिवारों को भूखा रखा जा रहा है और उनके पास दैनिक गुज़र-बसर के लिए साधन नहीं हैं.मानवतावादी टीम ने बुधवार को जारी अपने वक्तव्य में कहा कि पिछले कुछ दिनों में सहायता सामग्री से लदे 900 ट्रकों को प्रवेश देने के लिए इसराइल से अनुमति मांगी गई थी.मगर, असुरक्षा व आवाजाही की सख़्ती के कारण केरेम शलोम सीमा चौकी के ज़रिये फ़लस्तीनी क्षेत्र में मानवीय सहायताकर्मी के पास अब तक 200 ट्रक ही पहुँच पाए हैं.इससे पोषक आहार, आटा व मेडिकल आपूर्ति लाने में तो मदद मिली है, मगर इसराइली प्रशासन ने ईंधन, खाना पकाने की गैस, आश्रय व्यवस्था के लिए सामग्री व स्वच्छता उत्पादों को भेजने की अनुमति नहीं दी है.मत्स्य पालन सैक्टर ढहाइस बीच, यूएन एजेंसियों व ग़ैर-सरकारी संगठनों के एक समूह ने ग़ाज़ा में मछली पालन सैक्टर के ध्वस्त होने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है.7 अक्टूबर 2023 को, हमास व अन्य हथियारबन्द गुटों द्वारा इसराइल पर हमला किए जाने से पहले यह सैक्टर, ग़ाज़ा में आम लोगों के लिए भोजन व आजीविका का एक अहम साधन था.यूएन मानवाधिकार टीम का कहना है कि ग़ाज़ा में मछुआरों पर इसराइली सेना द्वारा निरन्तर हमले किए जाने का एक रुझान देखा गया है. इन हमलों में इसराइली नौसैनिकों ने समुद्र में नौकाओं को निशाना बनाया और ज़मीन व समुद्र में ड्रोन के ज़रिये भी हमले किए गए हैं.खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, ग़ाज़ा में मत्स्य उद्योग अब अपनी पूर्व क्षमता के 7.3 प्रतिशत पर ही काम कर पा रहा है, और नौकाओं का बेड़ा लगभग पूरी तरह बर्बाद हो चुका है.यूएन मानवीय सहायता एजेंसियों ने आगाह किया कि इस सैक्टर को पहुँची क्षति से ग़ाज़ा की खाद्य सुरक्षा, आय, और समुदायों पर भयावह असर हुआ है, और फ़लस्तीनी मछुआरों पर गम्भीर जोखिम है.हमें कार्य करने देंसंयुक्त राष्ट्र मानवतावादी टीम ने अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर, अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के तहत इसराइल के लिए तयशुदा दायित्वों को ध्यान दिलाया है.उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के साथ मानवीय बर्ताव किया जाना होगा, उनकी गरिमा का सम्मान करना होगा, जबरन बेदख़ल किए जाने से बचना होगा और हर आवश्यक मदद मुहैया कराई जानी होगी.मानवीय सहायताकर्मियों ने कहा महासचिव की अपील दोहराई है: एक स्थाई युद्धविराम, तत्काल व बिना शर्त सभी बन्धकों की रिहाई, और मानवीय सहायता के लिए पूर्ण मार्ग की उपलब्धता.उन्होंने कहा कि हम ज़िन्दगियों की रक्षा करने के लिए तैयार हैं. “हमें काम करने दें. अकाल टालने का समय तेज़ी से बीता जा रहा है.”

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