पटना में दो सब-इंस्पेक्टरों पर हमला

यह घटना तब शुरू हुई, जब एक व्यक्ति ने अपनी बेटी के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई। वह नियमित रूप से पुलिस स्टेशन जा रहा था और पुलिस से उसकी तलाश करने की अपील कर रहा था। उनकी शिकायत के बाद दो सब इंस्पेक्टर सौरव कुमार और संतोष कुमार सिविल ड्रेस में शिकायतकर्ता के साथ गांव गए। शिकायतकर्ता ने संदिग्ध का घर दिखाया और उसके घर गया।
पुलिस आरोपी बबन पासवान और उसके बेटे शाहिल पासवान को पकड़ने में कामयाब रही। इसकी जानकारी होने पर उनके जानने वाले लगभग तीन दर्जन लोग वहां इकट्ठा हो गए और दोनों पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की।
सौरव और संतोष दोनों कह रहे थे कि वे सब इंस्पेक्टर हैं और परसा थाने से आये हैं, लेकिन आरोपित उनकी बात नहीं सुन रहे थे। जब घटना की सूचना परसा थाने को दी गई, तो थानेदार बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे और सब इंस्पेक्टरों को बचाया।
पटना के परसा पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, "हमने बबन पासवान, शाहिल पासवान और 31 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।"
(आईएएनएस)
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