The laborers reached the village after traveling 600 km by rickshaw-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
May 23, 2025 2:52 pm
Location

सामान ढोने वाले रिक्शे से 600 किमी का सफर कर गांव पहुंचा मजदूर

khaskhabar.com: सोमवार, 18 मई 2020 3:31 PM (IST)
सामान ढोने वाले रिक्शे से 600 किमी का सफर कर गांव पहुंचा मजदूर
छतरपुर। कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर उठाए गए एहतियाती कदम के चलते मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया और ऐसे में वह घर वापसी कर रहे हैं।


इसी क्रम में लागू किए गए लॉकडाउन के कारण कोई साधन नहीं मिलने पर छतरपुर जिले का एक मजदूर परिवार सामान ढोने वाले रिक्शे की सवारी करके अपने घर पहुंच गया है। परिवार ने लगातार पांच दिनों में 600 किलोमीटर का सफर तय किया है।

मवइया गांव का रहने वाला वृंदावन अहिरवार अपने परिवार के साथ रोजी-रोटी की तलाश में दिल्ली गया था। उसका काम काज ठीक चल रहा था, मगर कोरोना के कारण सब थम गया। वृंदावन ने कहा कि उसके पास जो पूंजी थी उससे 40 से 45 दिन तक तो उसने किसी तरह काट दिए, मगर आगे समय काटना मुश्किल हो चला था।

उसने कहा, "मकान मालिक लगातार किराया मांग रहा था, अन्यथा मकान खाली करने को कह रहा था। परिणाम स्वरूप मकान खाली कर दिया।"

वृंदावन ने सामान ढोने वाला रिक्शा बनाया और उसी रिक्शे में पत्नी और बच्चों को लेकर गांव की ओर बढ़ गया।

वृंदावन ने कहा, "लगभग पांच दिनों में दिल्ली से छतरपुर तक का 600 किलोमीटर का रास्ता हमने तय किया है।"

दिल्ली के हालातों की चर्चा करते हुए उसने कहा, "काम धंधे बंद हो गए हैं। रोजी रोटी की तलाश में वहां गया मजदूर वर्ग का हर व्यक्ति परेशान है और अपने घर को लौटना चाहता है। शुरू में लोगों को लगा कि कुछ दिनों में स्थितियां सुधर जाएंगी, मगर ऐसा नहीं हुआ। अब सभी लोग वापस घरों को लौटने के लिए प्रयास कर रहे हैं।"

वृंदावन की पत्नी ने कहा कि जब वे लोग मजदूरी करते थे, तो उनका जीवन सुखमय था और सब ठीक-ठाक चल रहा था, मगर कोरोना आने के बाद काम धंधे बंद हो गए। कुछ दिन तो किसी तर कट गए मगर आगे जीवन निकालना उनके लिए मुश्किल हो चला है। इन्हीं स्थितियों में भी गांव लौट आए हैं, गांव में जमीन है खेती-बाड़ी है और वे खेती करके अपना जीवन यापन करेंगे।

रास्ते में आई समस्याओं का जिक्र करते हुए वृंदावन बताता है कि बहुत कम स्थानों पर उसे खाने के लिए कुछ मिला। बच्चों के लिए उसने पैसे खर्च कर के ही खाने का सामान खरीदा।

गौरतलब है कि विभिन्न राज्यों की सरकारों ने अपने-अपने राज्यों के मजदूरों को वापस लाने के लिए ट्रेन, बस आदि का इंतजाम किया है। ट्रेन व बसें चल भी रही हैं, मगर बड़ी संख्या में मजदूर पैदल और जुगाड़ के साधनों से ही घर वापसी के लिए निकल रहे हैं। (आईएएनएस)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement