शिखर सम्मेलनः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मानवीय जीवन में कल्याणकारी भूमिका

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के डिजिटल स्वरूप को तकनीकी डाटा मॉडल विकास, ऑडिट कंप्यूटर प्रतिभा एवं वित्त पोषण आदि की क्षमता के विस्तार के बारे में परियोजना बनाने हेतु हम सहमति जाहिर की गई। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता मानव कल्याण शांति तथा विकास के लिए किए जाने हेतु सभी सदस्यों ने जोर दिया एवं इसकी उपयोगिता शांति के विकास के लिए किए जाने की वकालत की गई। यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास की अधो-संरचना तथा इसके सीमित सकारात्मक उपयोग पर सारगर्भित एवं अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
सम्मेलन पर सार्वजनिक हित को आगे बढ़ाने वाले भरोसेमंद परिस्थितिकी तंत्र का समर्थन एवं सहनिर्माण इसके अलावा ऊर्जा, नौकरी बाजार पर एआई के प्रभाव तथा शासन प्रशासन एवं सामाजिक प्रभाव पर भी सार्थक चर्चा की गई। सम्मेलन में नैतिक विकास तथा नवाचार पर भी जोर दिया गया। भारत तथा फ्रांस के संयुक्त बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प की नैतिकता पर यूनेस्को की सिफारिश तथा अफ्रीकी संघ महाद्वीपीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रणनीति पर बहू पक्षीय पहलुओं को सम्मेलन में मान्यता दी गई इसमें कुछ प्राथमिकताएं भी तैयार की गई जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा और नैतिक विकास एवं इसके नवाचार हेतु कुछ सुझाव भी रखे गए। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा फ्रांस के राष्ट्रपति की मैनुअल माइक्रो ने बुधवार को संयुक्त रूप से मार्शिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पल को ऐतिहासिक बताया उन्होंने कहा की प्रथम युद्ध में इस शहर का भारतीय सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण स्थान रहा है इस शहर का वीर सावरकर से भी गहरा नाता रहा है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रो ने कहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इस मर्सिले शहर में वाणिज्यिक दूतावास खुलना भारत फ्रांस के संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ता है यह वाणिज्यिक दूतावास भारत तथा फ्रांस के सांस्कृतिक आर्थिक और लोगों के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण सेतु की तरह कार्य करेगा।
इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति माइक्रो ने फ्रांस केड़ाराचे में दुनिया के सबसे शक्तिशाली अंतर्राष्ट्रीय धर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर सुविधा केंद्र का दौरा तथा निरीक्षण किया। यह फ्रांस में किसी भी राष्ट्र-अध्यक्ष की सर्वकालिक प्रथम यात्रा है। जिसे दोनों देशों के संयुक्त बयान में अत्यंत ऐतिहासिक एवं महत्वपूर्ण बताया गया है। इस अवसर पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं फ्रांस के राष्ट्रपति माइक्रो ने सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए कहा की दोनों देश आतंकवाद के वित्त पोषक नेटवर्क और सुरक्षित आश्रय स्थलों को नष्ट करने में आपसी सहयोग के लिए राजी हुए हैं।
इसके अलावा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 14 में भारत फ्रांस सीईओ सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर भारत तथा फ्रांस की मैत्री वैश्विक सद्भावना एवं वैश्विक शांति विकास तथा जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका को रेखांकित करने वाला साबित होगा। भारत तथा फ्रांस की संयुक्त विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित शिखर सम्मेलन आगामी कई वर्षों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग और उसके बिस्तर पर महत्वपूर्ण कार्य हेतु कार्य योजना बनाने की पहल पर ऐतिहासिक कदम है।
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा पर डोनाल्ड ट्रंप से भी द्विपक्षीय वार्ता कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, आतंकवाद सामरिक महत्व कई बिंदुओं पर चर्चा करके भारत भेजे गए भारतीय मूल के लोगों को आमानवीय व्यवहार पर महत्वपूर्ण चर्चा करने वाले हैं। व्यावसायिक पृष्ठभूमि से राजनेता बने डोनाल्ड ट्रंप एवं पिछले 20 साल से अमेरिकी नीति को दृष्टिगत रखते हुए अमेरिका पर अति विश्वास किया जाना भरोसेमंद साबित नहीं हो सकता है अतः भारत को अमेरिका के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए फूंक फूंक कर कदम रखना होगा।
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