Right to Health Bill: Private hospitals in Rajasthan will remain closed today, celebrating black day-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Jun 4, 2023 3:33 am
Location
Advertisement

राइट टू हैल्थ विधेयकः राजस्थान में प्राइवेट अस्पताल आज बंद रहेंगे, मना रहे काला दिवस

khaskhabar.com : बुधवार, 22 मार्च 2023 07:13 AM (IST)
राइट टू हैल्थ विधेयकः राजस्थान में प्राइवेट अस्पताल आज बंद रहेंगे, मना रहे काला दिवस
जयपुर। राइट टू हैल्थ विधेयक के विरोध में राजस्थान के प्राइवेट अस्पताल बुधवार को काला दिवस मना रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राजस्थान शाखा के आह्वान पर बुधवार को सभी निजी अस्पताल बंद रहेंगे। इससे पहले विरोध के दौरान निजी अस्पताल संचालकों और डॉक्टरों की राजधानी जयपुर में दो बार पुलिस से झड़प हो चुकी है। बता दें कि राजस्थान सरकार ने मंगलवार को ही विधानसभा में राइट टू हैल्थ विधेयक पास किया है। अपने लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान पहला प्रदेश बन गया है।
इधऱ, आईएमए राजस्थान के अध्यक्ष डा. सुनील चुग ने कहाकि राज्य के चिकित्सकों द्वारा राइट टू हैल्थ बिल के विरोध में स्टेच्यु सर्कल पर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया जा रहा था। लेकिन, सरकार ने दमनकारी रवैया अपनाते हुए उनके ऊपर लाठीचार्ज कराया। यहां तक कि उन्हें गिरफतार भी कर लिया गया। इसलिए विरोध स्वरूप पूरे राजस्थान में आईएमए काला दिवस मना रही है। इस दौरान सभी निजी अस्पताल बंद रहेंगे।
यह डॉक्टरों को मारने वाला बिल हैः मुंजाल
राजस्थान फार्मेंसी काउंसिल के चेयरमैन डॉ. ईश मुंजाल ने इस विधेयक को राइट टू किल यानि डॉक्टरों को मारने वाला विधेयक करार दिया है। उन्होंने ट्वीट करके विधेयक पारित करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसके विधेयक के पारित होने के बाद डॉक्टरों के लिए रोगियों की सेवा करना मुश्किल हो जाएगा। पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. जेके छापरवाल ने कहा कि राज्य सरकार को डॉक्टरों की बात सुननी चाहिए। यह विधेयक रोगियों और डॉक्टरों के हित में नहीं है।
राज्यपाल कलराज मिश्र से मिला डॉक्टरों का प्रतिनिधि मंडलः
इधऱ, मंगलवार को राज्य विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद डॉक्टरों के एक प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। विधेयक का विरोध करते हुए उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे इस पर हस्ताक्षर ना करें और विधेयक सरकार क लौटा दें। निजी अस्पताल संचालक और डॉक्टर इसके लिए भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से भी संपर्क कर रहे हैं। प्रतिनिधि मंडल में डॉ. अशोक शारदा, डॉ. जीएल शर्मा, डॉ. सुनील गरसा, डॉ. सुशील भाटी, डॉ. रामदेव चौधरी, डॉ. अर्चना शर्मा, डॉ. अमृता सेठी और डॉ. विजय कपूर शामिल थे।
डॉक्टर अपना धर्म भूल रहे हैंः सरकार
इधर, निजी अस्पताल और डॉक्टरों के विरोध पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा की प्रतिक्रिया सामने आई है। सरकार का कहना है कि डॉक्टर अपना धर्म भूल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधानसभा में कहा कि भगवान राम को भी इमरजेंसी की जरूरत पड़ी थी। जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी तो दुश्मन रावण के राजवैद्य ने आकर उनका इलाज किया था। यह होता है डॉक्टर का धर्म। उन्होंने कहा कि हमने डॉक्टरों से बातचीत की थी। वे केवल एक बात पर अड़े हैं कि विधेयक को ही वापस लिया जाए। यह कहां तक न्याय संगत है। मूल बिल में इमरजेंसी को लेकर विरोध था। जैसा उन्होंने कहा, वैसा हमने कर दिया।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
Advertisement
Advertisement