सामूहिक विवाह सामाजिक समरसता का सशक्त माध्यम : मुख्यमंत्री मोहन यादव

उन्होंने यह बात सागर जिले के गढ़ाकोटा में आयोजित 23वें वृहद सामूहिक विवाह/निकाह समारोह में कही, जिसमें 3,219 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सनातन धर्म में सभी के कल्याण की भावना निहित है। विवाह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और समरसता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि बेटियों के माता-पिता यह विश्वास रखते हैं कि जैसे उन्होंने बेटी को प्रेम और स्नेह से पाला, वैसे ही ससुराल में भी उसे आदर और सम्मान मिलेगा। उन्होंने पुनर्विवाह को भी एक पवित्र कार्य बताते हुए कहा कि कल्याणियों (विधवा महिलाओं) के पुनर्विवाह को प्रोत्साहित करना समाज की जिम्मेदारी है और सरकार इस दिशा में पूरी संजीदगी से कार्य कर रही है।
समारोह में खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, लखन पटेल, सांसद लता वानखेडे, राहुल सिंह, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, विधायक प्रदीप लारिया समेत कई जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि 23 वर्षों पहले प्रारंभ इस कार्यक्रम ने अब एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है। उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें 28 हजार से अधिक कन्याओं का कन्यादान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने अपने बेटे और बेटी का विवाह भी इसी सामूहिक विवाह समारोह में कराया, यह दर्शाता है कि वे इस परंपरा को केवल प्रचार नहीं, बल्कि जीवन का हिस्सा मानते हैं।
समारोह में सभी जोड़ों और उनके परिजनों के लिए पारंपरिक बुंदेली व्यंजनों जैसे आम का पना, फ्रूटी, कढ़ी-चावल, बिजोरा, खीर, पूरी, पापड़, अचार, चटनी और सलाद आदि का विशेष भोज भी आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री ने समारोह के सफल आयोजन पर आयोजकों को बधाई दी और कहा कि इस तरह के आयोजन सामाजिक भेदभाव को मिटाने और सभी वर्गों के बीच भाईचारे को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
--आईएएनएस
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