Mahendragarh. Kargil Vijay Diwas: Mahendragarh warriors played an important role, nine sons were martyred-m.khaskhabar.com
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कारगिल विजय दिवस : महेंद्रगढ़ के रणबांकुरों की रही अहम भूमिका, नौ लाल हुए थे शहीद

khaskhabar.com: शुक्रवार, 26 जुलाई 2024 2:37 PM (IST)
कारगिल विजय दिवस : महेंद्रगढ़ के रणबांकुरों की रही अहम भूमिका, नौ लाल हुए थे शहीद
महेंद्रगढ़। अहीरवाल क्षेत्र स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए जूझने वाले रणबांकुरों की महान भूमि रहा है। महेंद्रगढ़ जिला वीरों की धरा है, जहां हर गांव से कोई न कोई वीर जवान सेना में सेवा करता है। ये जवान देश की रक्षा करते हुए अपनी जान की आहुति देते हैं। कारगिल युद्ध में भी महेंद्रगढ़ के सैनिकों ने अहम भूमिका निभाई। इस युद्ध में महेंद्रगढ़ जिले के नौ लाल देश के लिए शहीद हो गए। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हराकर कारगिल पर विजय प्राप्त की थी, जिसे विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस युद्ध में हरियाणा के 78 जवान शहीद हुए, जिनमें नौ जवान महेंद्रगढ़ के थे। महेंद्रगढ़ जिले की सैन्य परंपरा पर नजर डालें तो प्रथम विश्वयुद्ध से लेकर 1962, 1965, 1971 के युद्धों में महेंद्रगढ़ के वीरों की वीरता की कहानियां अनगिनत हैं। 1999 के कारगिल युद्ध में भी यहां के वीरों ने अपनी कुर्बानी देकर न सिर्फ देश का नाम रोशन किया, बल्कि अहीरवाल क्षेत्र की वीरता की परंपरा को भी कायम रखा।
इस युद्ध में शहीद होने वाले जवानों में शामिल हैं: गांव गुवानी के नायब सूबेदार लालसिंह, गांव गढ़ी रुथल के नायक बिरेंद्र सिंह, गांव रामपुरा के हवलदार रामसिंह, गांव गहली के नायक सतपाल, गांव उन्हाणी के गनर परमिंद्र सिंह, ककराला के हवलदार शिव कुमार, सोहला के हवलदार लेखराम, कोटिया के हनुमान सिंह और दोंगड़ा जाट के हवलदार खजान सिंह। इन वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा की और अहीरवाल क्षेत्र को गौरवान्वित किया।

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