नीमराणा के 150-बैड ईएसआईसी अस्पताल के लिए भूमि आवंटन की कवायद तेज, जयपुर में हुई उच्चस्तरीय बैठक

नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का हिस्सा है, वहां करीब ढाई लाख श्रमिक एवं कर्मचारी कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों के साथ-साथ उनके लगभग 10 लाख आश्रितों को लंबे समय से एक समुचित और आधुनिक चिकित्सा सुविधा की प्रतीक्षा है। ऐसे में ईएसआईसी अस्पताल की स्थापना इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है।
तीन साल पहले मिली थी अस्पताल को मंजूरी
गौरतलब है कि नीमराणा में ईएसआईसी अस्पताल की स्थापना को तीन वर्ष पूर्व ही औपचारिक मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन अब तक भूमि आवंटन नहीं हो पाने के कारण परियोजना लटकी हुई है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुमार शॉ ने बैठक में जानकारी दी कि इस अस्पताल के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि रीको (RIICO) को भूमि आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और संबंधित पत्रावली उच्च स्तरीय समिति को भेज दी गई है।
उद्योग संगठन ने किया शीघ्र आवंटन का आग्रह
बैठक में नीमराणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल कौशिक ने अस्पताल की आवश्यकता को तत्काल बताते हुए भूमि का शीघ्र आवंटन करने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा कि नीमराणा जैसे तेज़ी से विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्र में श्रमिकों को प्राथमिकता से चिकित्सा सुविधा मिलनी चाहिए, जिससे उनका स्वास्थ्य सुरक्षा अधिकार सुनिश्चित हो सके।
कई विभागीय अधिकारी रहे मौजूद
जयपुर में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के संयुक्त निदेशक मुकेश मीणा (अलवर), सहायक अभियंता आदर्श किशोर मीणा, उद्योग प्रतिनिधि के रूप में रूक्मणी इंडस्ट्रीज की निदेशक रूक्मणी कौशिक, तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि नीमराणा जैसे घनी आबादी और तेज़ी से विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक आधुनिक अस्पताल समय की माँग है।
क्षेत्र के श्रमिकों को मिल सकेगा लाभ
इस अस्पताल के निर्माण से नीमराणा और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में काम कर रहे श्रमिकों को बड़ा लाभ मिलेगा। वर्तमान में कई कर्मचारियों को मामूली बीमारियों या दुर्घटनाओं की स्थिति में भी जयपुर या दिल्ली के अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है। प्रस्तावित ईएसआईसी अस्पताल में बहु-विशेषज्ञ सेवाएं, आकस्मिक चिकित्सा सुविधा, मातृ एवं शिशु चिकित्सा, ऑपरेशन थिएटर, डायग्नोस्टिक सेवाएं और इनडोर रोगी उपचार जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
नीमराणा में बढ़ती स्वास्थ्य जरूरतें
नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र में भारतीय और विदेशी निवेशकों द्वारा स्थापित विभिन्न फैक्ट्रियों और कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके चलते चिकित्सा सुविधाओं की मांग भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। वर्तमान में क्षेत्र में ईएसआईसी की डिस्पेंसरी तो है, लेकिन गंभीर बीमारियों और आपात स्थितियों में वह अपर्याप्त साबित होती है।
सरकारी-निजी भागीदारी की संभावना भी तलाशी जाएगी
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि यदि भूमि आवंटन शीघ्र हो जाता है, तो निर्माण प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP मॉडल) पर भी विचार किया जा सकता है। इसके अलावा अस्पताल संचालन के लिए विशेषज्ञ स्टाफ की भर्ती और उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया को भी समानांतर शुरू करने की योजना है।
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