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Apr 20, 2025 1:45 am
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भारतीय नववर्ष : संस्कृति, विज्ञान और परंपरा का महोत्सव, उदयपुर में तीन दिवसीय भव्य आयोजन, शोभायात्रा और भजन संध्या मुख्य आकर्षण

khaskhabar.com: बुधवार, 26 मार्च 2025 4:06 PM (IST)
भारतीय नववर्ष : संस्कृति, विज्ञान और परंपरा का महोत्सव, उदयपुर में तीन दिवसीय भव्य आयोजन, शोभायात्रा और भजन संध्या मुख्य आकर्षण
उदयपुर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा केवल एक तिथि नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, विज्ञान और परंपरा का उत्सव है। भारतीय नववर्ष केवल उत्सव मनाने का अवसर नहीं, बल्कि हमारे गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और वैज्ञानिक परंपरा को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक पर्व भी है। इस अवसर पर 28 से 30 मार्च तक उदयपुर में तीन दिवसीय भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें शोभायात्रा, भगवा युवा वाहन रैली, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और भजन संध्या जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे।

भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति के संरक्षक रमेश शुक्ल ने बुधवार को प्रेस वार्ता में बताया कि भारतीय कालगणना पूरी तरह वैज्ञानिक है और इसमें खगोलीय गणनाओं का समावेश किया गया है।
भारतीय नववर्ष का ऐतिहासिक और वैज्ञानिक आधार : महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने इसे पंचांग गणना का आधार माना। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। भगवान श्रीराम और सम्राट युधिष्ठिर ने इसी दिन राजसत्ता संभाली थी। सम्राट विक्रमादित्य ने विदेशी आक्रमणकारियों को हराकर विक्रम संवत की शुरुआत की। चैत्र नवरात्र का प्रारंभ भी इसी दिन से होता है, जो शक्ति आराधना का पर्व है।
तीन दिवसीय आयोजन का विस्तृत कार्यक्रम : 28 मार्च को सुबह 7:30 बजे – घोषवादन और शंखनाद विभिन्न मंदिरों में। सायंकाल 6 बजे – स्थानीय प्रतिभा प्रकटीकरण कार्यक्रम (नगर निगम प्रांगण)। 29 मार्च को अपराह्न 4 बजे – विशाल भगवा युवा वाहन रैली, हजारों युवा केसरिया साफा और श्वेत परिधान में शामिल होंगे। रैली का मार्ग : फतेह स्कूल – सूरजपोल – हाथीपोल – चेतक सर्कल – टाउन हॉल।
30 मार्च को दोपहर 3 बजे – भव्य शोभायात्रा, जिसमें झांकियां, अखाड़े, धार्मिक ध्वज, ढोल-नगाड़े शामिल होंगे। सायंकाल 7 बजे – भजन संध्या, जिसमें प्रसिद्ध भजन गायक प्रकाश माली प्रस्तुति देंगे।
संस्कार और संस्कृति की जीवंत झांकियां : पंच परिवर्तन, अहिल्याबाई होल्कर की सेवा समरसता, ग्राम विकास एवं पर्यावरण संरक्षण, नागरिक कर्तव्य बोध और भारत की प्रगति, प्रयागराज महाकुंभ और स्वावलंबन संदेश।
उल्लेखनीय संतों का सान्निध्य : इस आयोजन में महंत इंद्रदेव दास, गुलाबदास महाराज, सुदर्शनाचार्य महाराज, अच्युतानंद महाराज का सान्निध्य प्राप्त होगा।
भारतीय नववर्ष : हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग
समिति ने सभी उदयपुरवासियों से इस भव्य आयोजन में संपूर्ण परिवार सहित भाग लेने और भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है। यह आयोजन न केवल भारतीय परंपराओं को संजोने का प्रयास है, बल्कि युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने का एक माध्यम भी है।

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