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नशा समाज में नाश का कारण युवा जागृति के लिए एम्बेसेडर बनकर कार्य करें : कलेक्टर

कोटा। जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि नशा की लत से समाज में मान सम्मान के साथ शरीरिक, मानसिक एवं आर्थिक नुकसान होता है युवा इससे दूर रहकर नशामुक्त देश के ऐम्बेसेडर बनकर समाज नवनिर्माण में भागीदारी बनें।
जिला कलेक्टर शनिवार को रानपुर स्थित लार्डबुद्धा कोॅलेज में नशामुक्त भारत अभियान के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में उपस्थित युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि नशा समाज में नाश का कारण माना जाता है, इससे सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पडता है। उन्होंने कहा कि एक बार व्यक्ति को जीवन में नशे की लत लग जाये तो उसका शरीर खराब होने के साथ परिवार, समाज में उसकी इज्जत भी खराब हो जाती है। युवाओं को तम्बाकू उत्पादों, शराब एवं अन्य व्यसनों से दूर रहकर कर इस प्रकार का आदर्श स्थापित करना होगा जिससे आने वाले समय में देश को नशामुक्त किया जा सके।
कलेक्टर ने कहा कि कैंसर का सबसे बडा कारण तम्बाकू उत्पाद माने जाते है, अनेक जिलों में आज नशे के लत में युआ आ चुके है जिसके कारण असमय में ही मौत के मुंह में समा रहे है। तम्बाकू के उत्पादों, जर्दा, बीडी, सिगरेट का सेवन करने की आदत से गांवों में आज कैंसर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि कोटपा एक्ट के तहत सभी शिक्षण संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त किया जा चुका है, सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू का सेवन करने वाले का युवा विरोध कर उन्हें दुष्परिणामों के बारे में बताये जिससे समाज में जागृति आ सके। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के अनुसार प्रदेश में 15 वर्ष के अधिक आयु के 1 करोड़ 21 लाख से अधिक नागरिक तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते है, जिन पर प्रतिवर्ष 22 हजार करोड़ रूपये व्यय करते है। इस राशि का उपयोग विकास कार्यों एवं परिवार की सुख-सुविधाओं में खर्च करें तो समाज में खुशहाली आयेगी। उन्होंने युवाओं को आव्हान किया कि वे नशे के खिलाफ जागृति का कार्य करते हुए नशामुक्त समाज,देश के लिए अम्बेसेडर केे रूप में कार्य करें।
कार्यशाला के मुख्यवक्ता डॉ एसके साहनी ने नशे से मानव शरीर पर पडने वाले दुष्परिणामों की जानकारी देकर युवाओं को किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन से प्रतिवर्ष देश में 15 लाख से अधिक लोग असमय मौत के आगोश में समा जाते है। आने वाली पीढियों को स्वस्थ्य, शिक्षित एवं निरोगी जीवन देने के लिए नशामुक्त समाज की कल्पना को साकार करना होगा। उन्होंने आंकडों के माध्यम से नशे के दुष्परिणाम एवं समाज पर प्रभाव के बारे में जानकारी देकर युवाओं को दूर रहने के लिए प्रेरित किया।
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव सक्सेना ने कहा कि नशे से दूर रहकर स्वस्थ्य शरीर के लिए जीवन में योग एवं व्यायामों के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी देकर युवाओं को दैनिक जीवन में योग अपनाने का आव्हान किया। उन्होंने व्यसन से दूर रहकर खानपान के माध्यम से स्वस्थ्य जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी देकर शराब एवं तम्बाकू उत्पादों से दूर रहने की बात कही।
उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ओमप्रकाश तोषनीवाल ने नशामुक्त अभियान के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देकर युवाओं को तम्बाकू मुक्त, नशामुक्त प्रदेश के अभियान में भागीदार बनकर समाज में जागृति लाने का आव्हान किया। एलबीएस शिक्षण संस्थान के निदेशक कुलदीप माथुर ने नशामुक्त अभियान को स्वस्थ्य एवं निरोगी समाज के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि आज युवओं को इसके लिए संकल्प लेना होगा कि वे व्यसन से दूर रहकर अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे।
इस अवसर पर संस्थान के शिक्षक एवं बडी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। कार्यशाला में नवजीवन योजना के तहत शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं को खेल सामग्री का वितरण किया गया।
जिला कलेक्टर शनिवार को रानपुर स्थित लार्डबुद्धा कोॅलेज में नशामुक्त भारत अभियान के तहत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में उपस्थित युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि नशा समाज में नाश का कारण माना जाता है, इससे सामाजिक, आर्थिक एवं मानसिक परेशानी का सामना करना पडता है। उन्होंने कहा कि एक बार व्यक्ति को जीवन में नशे की लत लग जाये तो उसका शरीर खराब होने के साथ परिवार, समाज में उसकी इज्जत भी खराब हो जाती है। युवाओं को तम्बाकू उत्पादों, शराब एवं अन्य व्यसनों से दूर रहकर कर इस प्रकार का आदर्श स्थापित करना होगा जिससे आने वाले समय में देश को नशामुक्त किया जा सके।
कलेक्टर ने कहा कि कैंसर का सबसे बडा कारण तम्बाकू उत्पाद माने जाते है, अनेक जिलों में आज नशे के लत में युआ आ चुके है जिसके कारण असमय में ही मौत के मुंह में समा रहे है। तम्बाकू के उत्पादों, जर्दा, बीडी, सिगरेट का सेवन करने की आदत से गांवों में आज कैंसर पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि कोटपा एक्ट के तहत सभी शिक्षण संस्थाओं को तम्बाकू मुक्त किया जा चुका है, सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू का सेवन करने वाले का युवा विरोध कर उन्हें दुष्परिणामों के बारे में बताये जिससे समाज में जागृति आ सके। उन्होंने कहा कि एक सर्वे के अनुसार प्रदेश में 15 वर्ष के अधिक आयु के 1 करोड़ 21 लाख से अधिक नागरिक तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते है, जिन पर प्रतिवर्ष 22 हजार करोड़ रूपये व्यय करते है। इस राशि का उपयोग विकास कार्यों एवं परिवार की सुख-सुविधाओं में खर्च करें तो समाज में खुशहाली आयेगी। उन्होंने युवाओं को आव्हान किया कि वे नशे के खिलाफ जागृति का कार्य करते हुए नशामुक्त समाज,देश के लिए अम्बेसेडर केे रूप में कार्य करें।
कार्यशाला के मुख्यवक्ता डॉ एसके साहनी ने नशे से मानव शरीर पर पडने वाले दुष्परिणामों की जानकारी देकर युवाओं को किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि तम्बाकू उत्पादों के सेवन से प्रतिवर्ष देश में 15 लाख से अधिक लोग असमय मौत के आगोश में समा जाते है। आने वाली पीढियों को स्वस्थ्य, शिक्षित एवं निरोगी जीवन देने के लिए नशामुक्त समाज की कल्पना को साकार करना होगा। उन्होंने आंकडों के माध्यम से नशे के दुष्परिणाम एवं समाज पर प्रभाव के बारे में जानकारी देकर युवाओं को दूर रहने के लिए प्रेरित किया।
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव सक्सेना ने कहा कि नशे से दूर रहकर स्वस्थ्य शरीर के लिए जीवन में योग एवं व्यायामों के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी देकर युवाओं को दैनिक जीवन में योग अपनाने का आव्हान किया। उन्होंने व्यसन से दूर रहकर खानपान के माध्यम से स्वस्थ्य जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी देकर शराब एवं तम्बाकू उत्पादों से दूर रहने की बात कही।
उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ओमप्रकाश तोषनीवाल ने नशामुक्त अभियान के लिए चलाये जा रहे कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देकर युवाओं को तम्बाकू मुक्त, नशामुक्त प्रदेश के अभियान में भागीदार बनकर समाज में जागृति लाने का आव्हान किया। एलबीएस शिक्षण संस्थान के निदेशक कुलदीप माथुर ने नशामुक्त अभियान को स्वस्थ्य एवं निरोगी समाज के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि आज युवओं को इसके लिए संकल्प लेना होगा कि वे व्यसन से दूर रहकर अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे।
इस अवसर पर संस्थान के शिक्षक एवं बडी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। कार्यशाला में नवजीवन योजना के तहत शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं को खेल सामग्री का वितरण किया गया।
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