चारधाम यात्रा : श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखने के प्रस्ताव को टाल सकती है सरकार

धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा से जुड़े सभी हितधारकों के हित सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है। उनकी हर शंका का हम समाधान करेंगे। उनको कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। धामों में संख्या सीमित करने के बारे में भी हम विचार कर रहे हैं। उनका कारोबार वैसे ही चलेगा, जैसा पिछली यात्रा में चला।
चारधाम यात्रा में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की धारण क्षमता के आधार पर पर्यटन विभाग ने दर्शन के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं का कोटा निर्धारित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। चारधाम यात्रा से जुड़े तीर्थ पुरोहित, होटल, ढाबा व्यवसायी, टैक्सी ऑपरेटरों ने श्रद्धालुओं का कोटा निर्धारित करने के प्रस्ताव का विरोध किया। इस पर सरकार ने प्रस्ताव पर निर्णय लिया। साथ ही अधिकारियों को हितधारकों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए थे।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सभी हितधारकों के साथ बैठक की जा चुकी है, जिसमें चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत होटल व्यवसायी और टैक्सी आपरेटरों ने श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का पुरजोर समर्थन किया था। 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होनी है। हितधारकों के विरोध को देखते हुए सरकार केदारनाथ को छोड़ गंगोत्री, यमुनोत्री व बदरीनाथ में श्रद्धालुओं के कोटे को समाप्त कर सकती है।
साथ ही केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है। पीएमओ से सीधे केदारनाथ धाम की निगरानी की जा रही है। केदारनाथ धाम के लिए लगभग 18 किमी का पैदल चढ़ाई है। साथ ही केदारपुरी में श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पर्याप्त होटल व धर्मशाला नहीं है। केदारनाथ धाम की विकट भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए सरकार केदारनाथ धाम के लिए श्रद्धालुओं का कोटा तय कर सकती है।
वहीं पिछले साल तीन मई 2022 को चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। एक माह में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 1.35 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दिन ही 25 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे।
--आईएएनएस
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