Big mistake in Chhattisgarh: A living person was declared dead, the lie of the commission chairman exposed-m.khaskhabar.com
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Dec 5, 2024 12:58 am
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छत्तीसगढ़ में बड़ी चूक: जिंदा व्यक्ति को मृत बताया, आयोग के चेयरमैन के झूठ का पर्दाफाश

khaskhabar.com : गुरुवार, 14 नवम्बर 2024 00:23 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में बड़ी चूक: जिंदा व्यक्ति को मृत बताया, आयोग के चेयरमैन के झूठ का पर्दाफाश
अंबिकापुर। अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह द्वारा दिलबंधु मझवार को मृतक साबित करने की कोशिश नाकाम साबित हुई जब दिलबंधु खुद सामने आए और जीवित होने का प्रमाण प्रस्तुत किया। घाटबर्रा के दिलबंधु मझवार के जिंदा होने की पुष्टि ने आयोग की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

भानुप्रताप सिंह, जो कांग्रेस के कार्यकर्ता भी हैं, ने बिना सचिव की मंजूरी के परसा खदान में कथित "मृतक" के हस्ताक्षरों के आधार पर रिपोर्ट जारी की थी। हालाँकि राज्य प्रशासन और पत्रकारों ने दिलबंधु के जीवित होने की पुष्टि कर दी, जिससे यह साबित हुआ कि रिपोर्ट पूरी तरह से बेबुनियाद थी।
"मैं जीवित हूँ और हस्ताक्षर भी मैंने ही किए" – दिलबंधु मझवार
घाटबर्रा के निवासी दिलबंधु मझवार ने समाचार माध्यमों को जानकारी दी, “कुछ लोग मेरे मृत होने की झूठी खबर फैला रहे हैं। मैं इस झूठ का खंडन करता हूँ। मैंने खुद ग्राम सभा की उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर किए हैं।" दिलबंधु ने सभी साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए यह मामला जिलाधीश और एसडीएम के समक्ष रखा।
ग्राम पंचायत सचिव गोपाल राम यादव ने भी पुष्टि करते हुए बताया कि दिलबंधु ने स्वयं ग्राम सभा में उपस्थित होकर हस्ताक्षर किए थे और उनका जीवित होना पंजीकृत है। यादव ने एक पंचनामा तैयार कर जिलाधीश के माध्यम से कोर्ट में पेश करने का फैसला किया है।
फर्जी खबरों से आदिवासी जिलों में विकास कार्यों में बाधा
रायपुर स्थित कुछ तत्वों द्वारा परसा कोयला खदान के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने का आरोप है, जिससे आदिवासी क्षेत्र की परियोजनाओं को रोकने की कोशिश की जा रही है। इसके बावजूद, राजस्थान सरकार का विद्युत उत्पादन निगम सभी वैधानिक मंजूरियों के साथ खदान परियोजना को कार्यान्वित करने की दिशा में प्रयासरत है, जिससे 5,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होंगे।
इस मामले ने प्रशासनिक तंत्र और आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं, और अब यह देखना बाकी है कि दिलबंधु की सत्यता के खिलाफ झूठी खबर फैलाने वालों पर क्या कार्रवाई होती है।

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