Bharatpur: Illegally running marriage garden, it is difficult to get claim if there is loss in marriage-m.khaskhabar.com
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Apr 19, 2024 2:23 am
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भरतपुरः गैरकानूनी ढंग से चल रहे मैरिज गार्डन, शादी में नुकसान हुआ तो क्लेम मिलना मुश्किल

khaskhabar.com : सोमवार, 29 मई 2023 09:36 AM (IST)
भरतपुरः गैरकानूनी ढंग से चल रहे मैरिज गार्डन, शादी में नुकसान हुआ तो क्लेम मिलना मुश्किल
भरतपुर। अगर आप भरतपुर शहर के किसी विवाह स्थल यानि मैरिज गार्डन को शादी के लिए बुक कर रहे हैं तो पहले एक बार सोच लीजिए। बुकिंग करते वक्त यह सुनिश्चित कर लें कि मैरिज गार्डन के पास फायर फाइटिंग सिस्टम हैं अथवा नहीं। उपकरण चालू हालत में हैं, इसके लिए नगर निगम से फायर फाइटिंग का प्रमाण-पत्र लिया हुआ है अथवा नहीं। मैरिज गार्डन ने कार्यक्रम के दौरान होने वाले किसी भी तरह के नुकसान के लिए इंश्योरेंस कराया हुआ है या नहीं। उसने सभी तरह के टैक्स जमा कराए हुए हैं या नहीं। यह सब इसलिए जरूरी है क्योंकि भगवान ना करे किसी कारण कोई जानमाल का नुकसान हुआ तो मुआवजा मिलना मुश्किल हो जाएगा।
यह सब हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि पिछले साल अक्टूबर में करौली के एक मैरिज हॉल में आग लगने से करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया था। वो तो ईश्वर की कृपा ऐसी रही कि उस समय शादी वाला परिवार वहां पहुंचा ही नहीं था। इसी तरह का हादसा जयपुर में भी हो चुका है। उससे पहले वर्ष 2017 के दौरान भरतपुर में भी विवाह स्थल के एक हादसे में 24 लोग जान गंवा चुके हैं। लेकिन, भरतपुर नगर निगम ने पार्षदों के दबाव और ऊंचे रसूखात के कारण अपनी आंखें बंद की हुई हैं। जबकि भरतपुर में इस समय करीब 80 मैरिज हॉल छोटी-बड़ी जगहों पर चल रहे हैं।
रोचक तथ्य यह है कि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने याचिका संख्या 7275/06 में दिए आदेश के तहत भरतपुर नगर निगम ने विवाह स्थल पंजीयन उप विधियां 2017 जारी किया हुआ है। लेकिन, उसके बाद जिला प्रशासन और नगर निगम गहरी नींद में हैं। क्योंकि इसके तहत विवाह स्थलों के रजिस्ट्रेशन तो हुए नहीं हैं। ना ही किसी मैरिज हॉल या गार्डन वाले ने रजिस्ट्रेशन कराना उचित समझा। वजह यह है कि रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मैरिज गार्डन वालों के लिए शादी की बुकिंग कराने वाले परिवारों की सुरक्षा, वाहन पार्किंग, इमरजेंसी लाइट, पर्याप्त संख्या में लेडीज एंड जेंट्स टॉयलेट्स, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, हलवाई के लिए अलग सुरक्षित स्थान, गैस सिलेंडरों का स्टोरेज, ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग आदि व्यवस्थाओं के लिए शपथ-पत्र देना होगा। इसके अभाव में बुकिंग कराने वाले परिवार अपनी रिस्क पर शादी अथवा अन्य कार्यक्रम कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक नगर निगम के मेयर और अफसरों को अच्छी तरह पता है कि एक भी विवाह स्थल का रजिस्ट्रेशन नहीं है। मैरिज होम संचालकों के मुताबिक यहां रजिस्ट्रेशन कराने का रिवाज ही नहीं है। ज्यादातर विवाह स्थल अलग-अलग स्वामित्व वाले कृषि भूखंडों को मिलाकर उनका बिना एकीकरण कराए चल रहे हैं। जिन विवाह स्थलों पर नियम-कानूनों का उल्लंघन हो रहा है, उनमें जय शिव मैरिज गार्डन, राज गार्डन, बजाज पैलेस मैरिज गार्डन, ईश्वर वाटिका मैरिज होटल, प्रेम गार्डन समेत कई विवाह स्थल हैं।
वर्ष 2017 के मैरिज हॉल हादसे को भूले जिला प्रशासन और नगर निगमः
भरतपुर जिला प्रशासन और नगर निगम संभवतः फिर किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं। यह उदासी भी तब है जबकि मई, 2017 में भरतपुर शहर में ऐसा हादसा हो चुका है। तब आंधी-तूफान के कारण एक मैरिज हॉल की 12 फुट दीवार गिर गई थी। इस हादसे में मलबे में दबने के कारण 24 लोगों की मौत हुई थी। यह मैरिज हॉल भी बिना रजिस्ट्रेशन के चलाया जा रहा था। इसके बावजूद नगर निगम ने अब तक विवाह स्थलों का रजिस्ट्रेशन नहीं किया है और ना ही भू-उपयोग परिवर्तन किया है।

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