अहमदाबाद विमान हादसा - जयराम रमेश ने विजय रूपाणी के साथ अपनी दोस्ती को याद किया

जयराम रमेश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "मुझे अभी भी सदन में हमारी बहस याद हैं, साथ ही सेंट्रल हॉल में दोस्ताना बातचीत भी याद है, जहां हम जलवायु परिवर्तन, शहरी गर्मी और पर्यावरण के बारे में बात करते थे। वह बेहद मिलनसार थे और सदन में आक्रामकता के साथ अक्सर मुस्कुराहट भी होती थी।"
2 अगस्त 1956 को म्यांमार के रंगून (अब यांगून) में जन्मे रूपाणी का प्रारंभिक जीवन राजनीतिक उथल-पुथल से प्रभावित रहा। जैन समुदाय से ताल्लुक रखने वाला उनका परिवार 1960 में राजकोट चला गया। उन्होंने कला और कानून में डिग्री हासिल की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसकी छात्र शाखा एबीवीपी के माध्यम से अपना सार्वजनिक जीवन शुरू किया। वह नवनिर्माण आंदोलन में सक्रिय थे और आपातकाल के दौरान जेल भी गये थे।
वह 1996 से 1997 तक राजकोट के मेयर रहे और कई बार गुजरात विधानसभा के लिए चुने गए। भाजपा के प्रति उनकी निष्ठा और स्वच्छ छवि ने उन्हें गुजरात की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया और अगस्त 2016 में उन्हें मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया, जिन्होंने पद छोड़ दिया था।
रूपाणी 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद भी पद पर बने रहे और कोविड-19 महामारी और प्रमुख औद्योगिक नीति परिवर्तनों सहित चुनौतीपूर्ण समय के दौरान सरकार की कमान संभाली। सीएम के रूप में उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल खाई को पाटने के लिए डिजिटल सेवा सेतु योजना शुरू करने और सुजलाम सुफलाम जल अभियान के माध्यम से जल प्रबंधन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए जाना जाता था।
--आईएएनएस
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