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झूठ बोलने से नहीं मिलेगा इन कार्यो का फल
2. ग्रंथों या वेदों का पाठ
ग्रंथों या वेदों का पाठ करना भी कई लोगों की दिनचर्या का हिस्सा होता है, लेकिन इसी के साथ-साथ झूठ बोलना भी उनकी आदत होती है। जो व्यक्ति अपने फायदे के लिए झूठ का सहारा लेता हो, उसकी भक्ति भी उसे सफलता नहीं दिला सकती। ऎसा व्यक्ति कुछ समय के लिए तो झूठ बोलकर मुनाफा कमा सकता है, लेकिन आगे जाकर उसे इसके दुष्परिणाम झेलना ही पडते हैं।
ग्रंथों या वेदों का पाठ करना भी कई लोगों की दिनचर्या का हिस्सा होता है, लेकिन इसी के साथ-साथ झूठ बोलना भी उनकी आदत होती है। जो व्यक्ति अपने फायदे के लिए झूठ का सहारा लेता हो, उसकी भक्ति भी उसे सफलता नहीं दिला सकती। ऎसा व्यक्ति कुछ समय के लिए तो झूठ बोलकर मुनाफा कमा सकता है, लेकिन आगे जाकर उसे इसके दुष्परिणाम झेलना ही पडते हैं।
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