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कुंडली का ये भाव बताता है आप ‘अमीर’ है या ‘गरीब’

धनवान होने के संकेत---
-जन्म कुंडली का दूसरा घर या भाव धन का होता है। इस भाव के कारण ही व्यक्ति की स्थायी संपत्ति का अनुमान लगाया जाता है। इस भाव के तहत ही धन, आभूषण आदि का अनुमान लगाया जाता है।
-व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव मे शुभ माने जाने वाले ग्रहों के अवस्थित होने पर अत्यधिक धन-सम्पदा की प्राप्ति हो सकती है।
-दूसरे भाव में चंद्रमा के स्थित होने पर धनवान होने की प्रबल सम्भावना होती है। प्रचुर धन होने के कारण ऐसे व्यक्तियों को किसी भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति के लिये अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ता है।
-जन्म कुंडली का दूसरा घर या भाव धन का होता है। इस भाव के कारण ही व्यक्ति की स्थायी संपत्ति का अनुमान लगाया जाता है। इस भाव के तहत ही धन, आभूषण आदि का अनुमान लगाया जाता है।
-व्यक्ति की कुंडली के दूसरे भाव मे शुभ माने जाने वाले ग्रहों के अवस्थित होने पर अत्यधिक धन-सम्पदा की प्राप्ति हो सकती है।
-दूसरे भाव में चंद्रमा के स्थित होने पर धनवान होने की प्रबल सम्भावना होती है। प्रचुर धन होने के कारण ऐसे व्यक्तियों को किसी भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति के लिये अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ता है।
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