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गणेश कार्तिकेय: देवी पार्वती, भगवान कार्तिकेय संग अपने टूटे रिश्ते को जोड़ने का प्रयास करती हैं

मातृत्व के प्रेम और देव दायित्व के बीच बँटी हुई देवी पार्वती कार्तिकेय को कैलाश वापस लाना चाहती हैं, परंतु कार्तिकेय अपनी माता के प्रति रोष लेकर लौटते हैं। इंद्र इस खाई को और गहरा करता जाता है। टूटी हुई और अकेली पार्वती, अपने पुत्र दंडपाणी (आयुध भानुशाली) की रचना करती हैं, इस आशा में कि वह कार्तिकेय को उनके करीब ला पाएगा। लेकिन जैसे ही उन्हें सांत्वना मिलने लगती है, कैलाश पर हमला हो जाता है, जिसके चलते कार्तिकेय और दंडपाणी आमने-सामने आते हैं और अपने दिव्य घर की रक्षा के लिए एकजुट खड़े होते हैं।
यह कथा एक महाकाव्यात्मक युद्ध और ऐसी यात्रा की पृष्ठभूमि तैयार करती है, जो परिवार, प्रेम और भाग्य को नई परिभाषा देने वाली है। गणेश कार्तिकेय में देवी पार्वती की भूमिका निभा रहीं श्रेनु पारिख ने कहा: “एक अभिनेत्री के रूप में ये एपिसोड मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण लेकिन उतने ही संतोषजनक रहे हैं। देवी पार्वती की यात्रा भावनाओं की परतों से भरी है—उनकी उम्मीद, उनका दुख, उनका अकेलापन और भगवान कार्तिकेय के लिए उनका निःस्वार्थ प्रेम।
माँ के रूप में गलत समझे जाने का दर्द और फिर उस रिश्ते को जोड़ने के लिए दंडपाणी का सृजन करने का उनका साहस, इन भावनाओं को निभाने के लिए मुझे अभिनय से आगे जाकर सचमुच उस पीड़ा को महसूस करना पड़ा। यह कहानी का बहुत सशक्त पल है और मुझे विश्वास है कि दर्शक उनकी इस जद्दोजहद से जुड़ पाएँगे—चाहे वह दिव्य हो या मानवीय।” देखना न भूलें — गणेश कार्तिकेय, हर सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, केवल सोनी सब पर।
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