Advertisement
मराठी फिल्म 'सोहम' को लेकर सिरियस हुए कॉमेडियन नवीन प्रभाकर

मुंबई | मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता नवीन प्रभाकर अपनी मराठी फिल्म 'सोहम' की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रभाकर ने कहा कि फिल्म की कहानी लोगों को जागृत करेगी। नवीन प्रभाकर ने कहा, "अगर हम अपनी भाषाओं में समृद्धि लाते हैं और उन्हें सीखते हैं, तो यह वास्तव में सराहनीय होगा।" नवीन ने कहा, "जिस स्कूल में मैं फिल्म की शूटिंग कर रहा था, वहां पर 12 या 13 साल के छात्र थे, जो अनुशासित तरीके से एक लाइन में चल रहे थे, लेकिन संस्कृत में लड़ रहे थे। क्या आप यह सोच सकते हैं?"
नवीन ने आगे कहा, हम भारत में रहते हैं, हम में से अधिकांश हिंदी में बोलते हैं, हिंदू संस्कृति का पालन करते हैं और हमारा धर्म हिंदू धर्म है, फिर भी हम संस्कृत के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। फिर भी, ऐसे स्कूल हैं जहां संस्कृत शिक्षा का माध्यम है।
इसके अलावा अभिनेता ने आगे कहा कि यह हमारी शिक्षा व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। हमने क्या खोया है और हमें क्या करना चाहिए, हमें किन नक्शेकदम पर चलना है। इस फिल्म की मदद से हम रास्ता दिखाएंगे।
नवीन ने कहा कि यह फिल्म उनके लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "मैं पुरुष नायक की भूमिका निभा रहा हूं और पूरी कहानी मेरे माध्यम से सुनाई जा रही है। मैं पहले नकारात्मक हूं, फिर मैं नेतृत्व करता हूं और जनता को जागरूक करता हूं कि हम एक शिक्षा प्रणाली और संस्कृति पर इतना पैसा खर्च करते हैं जिसकी हमें जरूरत नहीं है।"
मराठी और हिंदी प्रोजेक्ट को संतुलित करने के बारे में बात करते हुए नवीन ने कहा, मेरा मानना है कि यह आसान है, क्योंकि मैं दोनों भाषाओं में सहज हूं। वास्तव में एक पतली रेखा है जो मराठी को हिंदी से अलग करती है।
--आईएएनएस
नवीन ने आगे कहा, हम भारत में रहते हैं, हम में से अधिकांश हिंदी में बोलते हैं, हिंदू संस्कृति का पालन करते हैं और हमारा धर्म हिंदू धर्म है, फिर भी हम संस्कृत के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। फिर भी, ऐसे स्कूल हैं जहां संस्कृत शिक्षा का माध्यम है।
इसके अलावा अभिनेता ने आगे कहा कि यह हमारी शिक्षा व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। हमने क्या खोया है और हमें क्या करना चाहिए, हमें किन नक्शेकदम पर चलना है। इस फिल्म की मदद से हम रास्ता दिखाएंगे।
नवीन ने कहा कि यह फिल्म उनके लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "मैं पुरुष नायक की भूमिका निभा रहा हूं और पूरी कहानी मेरे माध्यम से सुनाई जा रही है। मैं पहले नकारात्मक हूं, फिर मैं नेतृत्व करता हूं और जनता को जागरूक करता हूं कि हम एक शिक्षा प्रणाली और संस्कृति पर इतना पैसा खर्च करते हैं जिसकी हमें जरूरत नहीं है।"
मराठी और हिंदी प्रोजेक्ट को संतुलित करने के बारे में बात करते हुए नवीन ने कहा, मेरा मानना है कि यह आसान है, क्योंकि मैं दोनों भाषाओं में सहज हूं। वास्तव में एक पतली रेखा है जो मराठी को हिंदी से अलग करती है।
--आईएएनएस
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
टेलीविज़न
Advertisement
Traffic
Features
